मध्य प्रदेश

madhya pradesh

Gwalior Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE: हॉट सीट ग्वालियर में रोचक जंग, प्रद्युम्न सिंह तोमर से पार पाना सुनील शर्मा के लिए नहीं है आसान

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 12, 2023, 6:19 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 6:29 AM IST

LIVE Gwalior, Madhya Pradesh Vidhan Sabha Chunav, Assembly Elections Result 2023 News Updates: ग्वालियर की सबसे हॉट सीट कहीं जाने वाली ग्वालियर विधानसभा सीट भाजपा ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को मैदान में हैं, कांग्रेस ने सुनील शर्मा से मुकाबला है. 17 नवंबर को इस सीट पर जमकर वोट पड़े. आज पता चलेगा कि किसके सिर विधायकी का ताज सजता है.

MP Seat Scan Gwalior
एमपी सीट स्कैन ग्वालियर

Gwalior Assembly Seat:ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर विधानसभा से विधायक हैं. प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा और बीजेपी के कद्दावर नेता जयभान सिंह पवैया को 21,044 वोट से करारी शिकस्त दी थी. लेकिन साल 2020 में प्रदेश में हुए सियासी परिवर्तन के बाद प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया. 2020 के उपचुनाव में कांग्रेस के सुनील शर्मा को 33,123 वोट चुनाव हराया और विधायक चुने गए.

प्रद्युम्न सिंह तोमर का पलड़ा भारी:ग्वालियर सीट से 19 प्रत्याशी मैदान में हैं. भाजपा ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने सुनील शर्मा पर दांव खेला है. प्रद्युम्न सिंह तोमर का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. 3 दिसंबर को पता चलेगा कि जनता ने किसको अपना विधायक चुना है.

ग्वालियर की खासियत: इस विधानसभा क्षेत्र में ग्वालियर जिले की पहचान ग्वालियर का ऐतिहासिक किला मौजूद है. साथ ही सुर सम्राट तानसेन का समाधि स्थल भी इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है. इसके अलावा ग्वालियर विधानसभा में मोहम्मद गौस का मकबरा है और गुरुद्वारा है. ग्वालियर विधानसभा पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है और यही कारण है कि इसमें एक दर्जन से अधिक विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं जहां हजारों की संख्या में देश विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं.

विधानसभा में जातिगत वोट बैंक
ब्राह्मण- 34 हजार
SCST- 30 हजार
क्षत्रिय - 24 हजार
मुस्लिम -16 हजार
वैश्य - 14 हजार
कुशवाह- 12 हजार
किरार- 9 हजार
जैन -8 हजार
सिंधी - 7 हजार
बघेल - 7 हजार
सोनी 6 हजार
गुर्जर 4 हजार
कुर्मी- 4 हजार
यादव -4 हजार
लोधी - 4 हजार
खटीक - 4 हजार
महाराष्ट्रीयन- 3 हजार
मराठा - 3 हजार

विधानसभा में कौन विधायक किस पार्टी से जीते:ग्वालियर विधानसभा में अब तक यहां पांच बार कांग्रेस, 6 बार बीजेपी, एक-एक बार हिंदू महासभा और जनता पार्टी ने कब्जा किया है. संघ के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में 2008 के चुनाव में कांग्रेस के प्रद्युम्न सिंह तोमर 2090 वोट से जीते. 2013 में जयभान सिंह पवैया ने प्रद्युम्न सिंह को 15,561 वोटों से हरा दिया था, लेकिन 2018 में प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जयभान सिंह पवैया को 21,044 वोटो से हरा दिया. 2020 के उपचुनाव में प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कांग्रेस कांग्रेस के सुनील शर्मा को 33,123 से अधिक मतों से पराजित किया.

-1977 में JNP पार्टी के जगदीश गुप्ता को 19062 वोट मिले, वही कांग्रेस के धर्मवीर शर्मा को 13409 वोट मिले. जगदीश गुप्ता 5653 वोट से जीते.
-1980 में कांग्रेस के तारा सिंह विओगी को 18521 वोट वही CPI से गुरु बालकदास को 12749 वोट मिले थे. 5772 वोट से CONG के तारा सिंह जीते.
-1985 में BJP के धर्मवीर को 25610 और INC के तारा सिंह वियोगी को 17512 वोट मिले, 8098 के अंतर से धर्मवीर जीते.
-1990 में BJP के धर्मवीर को 21153 और INC के रघुवर सिंह को 16385 वोट मिले, 4768 के अंतर से धर्मवीर जीते.
-1993 में रघुवर सिंह INC को 26891 और नरेंद्र सिंह तोमर BJP को 26210 वोट मिले, 681 वोट से रघुवर सिंह जीते.
-1998 में नरेंद्र सिंह तोमर BJP को 50004 और अशोक शर्मा INC को 23646 वोट मिले. 26358 वोट से नरेंद्र सिंह तोमर जीते.
-2003 में नरेंद्र सिंह तोमर BJP को 63592 और बालेंदु शुक्ला INC को 29452 वोट मिले. 34140 वोट से नरेंद्र सिंह तोमर जीते.
-2008 में प्रद्युम्न सिंह तोमर INC को 38454 और जयभान सिंह पवैया BJP को 36364 वोट मिले. 2090 वोट से प्रद्युम्न सिंह चुनाव जीते.
-2013 में जयभान सिंह BJP को 74769 वोट और प्रद्युम्न सिंह तोमर INC को 59208 वोट मिले, 15561 वोट से जयभान सिंह चुनाव जीते.
-2018 में प्रद्युम्न सिंह INC को 92055 और जयभान सिंह पवैया BJP को 71011 वोट मिले, 21044 वोट से प्रद्युमन सिंह तोमर चुनाव जीते.
-2020 उपचुनाव में प्रद्युम्न सिंह तोमर BJP को 96027 वोट और सुनील शर्मा INC को 62904 मिले,33123 वोट से प्रद्युमन सिंह तोमर चुनाव जीते.

ग्वालियर विधानसभा का राजनीतिक समीकरण:ग्वालियर विधानसभा में राजनीतिक समीकरण की अगर बात करें तो बीजेपी में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ही उम्मीदवार के प्रबल दावेदार हैं. उनकी बढ़ती सक्रियता और लोकप्रियता के कारण कांग्रेस अभी किसी भी उम्मीदवार का चयन नहीं कर पाई है. इसके अलावा कांग्रेस के पास अभी कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को टक्कर दे सके. इसलिए कांग्रेस पार्टी ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को टक्कर देने के लिए उम्मीदवार पर मंथन कर रही है. ग्वालियर विधानसभा में अगर कांग्रेस किसी क्षत्रिय नेता को टिकट देती है तो इस विधानसभा में मुकाबला हो सकता है.

आसान नहीं प्रद्युम्न सिंह तोमर की राह:बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी किसी अन्य जगह से बड़े नेता को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के सामने खड़ा कर सकती है. इसलिए कांग्रेस सोच समझ कर मंत्री के खिलाफ राजनीति तैयार कर रही है. वही अबकी बार मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के लिए भी राह आसान नहीं है. क्योंकि बिजली की समस्याओं के साथ-साथ लोगों की समस्याओं का निराकरण न करना मंत्री के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है. इसके अलावा ऊर्जा मंत्री को सबसे ज्यादा अपनी ही पार्टी के नेताओं से भितरघात का डर सता रहा है. इसका कारण है कि भाजपा के कई मूल नेता इस विधानसभा में मौजूद हैं जो टिकट के इंतजार में हैं. अगर उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह अंदर ही अंदर पार्टी को और ऊर्जा मंत्री को नुकसान पहुंचाएंगे.

ऊर्जा मंत्री प्रथम सिंह तोमर की विधानसभा की समस्याएं: मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर उपचुनाव में जनता से जो वादे किए थे चाहे वह सड़क की बात हो, शिक्षा की बात हो या फिर साफ पानी की बात हो. प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने विधानसभा में लोगों से जो वादे किए थे उन वादों पर 50 फीसदी पर खरा उतर पाए हैं. 2023 के चुनाव से पहले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह की प्राथमिकता है कि ग्वालियर विधानसभा में औद्योगिक हब बने जिससे युवाओं को रोजगार आसानी से मिल सके. इसके अलावा ग्वालियर विधानसभा में जाम की स्थिति बनी रहती थी लेकिन ऊर्जा मंत्री ने दर्जनों सड़कों को बनबा कर जाम की स्थिति को समाप्त किया है. लेकिन इसके बावजूद भी विधानसभा के कई इलाके ऐसे हैं जो अभी भी जाम की स्थिति से जूझ रहे हैं. इसके अलावा ग्वालियर विधानसभा में पानी की बेहद समस्या है लेकिन यह समस्या ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के आने से भी कम नहीं हुई है. आज भी इस विधानसभा के लोग पीने के पानी से जूझ रहे हैं. खासकर यहां पर पीने के लिए सबसे अधिक गंदा पानी आता है. इसलिए इस विधानसभा में कई वार्ड ऐसे हैं जहां पर गंदा पानी आने के कारण लोग विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं.

मिल बंद होने से मजदूर हुए बेरोजगार: ग्वालियर विधानसभा में आने वाले चुनाव को लेकर आम लोगों का कहना है कि ''आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे इस बार चुनाव में हावी रहेंगे.'' ग्वालियर विधानसभा में जेसी मिल, ग्रेसिंग मिल सहित पांच बड़ी मिलों के बंद होने के बाद कोई भी नई मिली यहां पर नहीं लगाई गई है. लगभग 30 साल का लंबा समय हो चुका है. इस दौरान कई सरकारें आई और गई, लेकिन मजदूरों का दर्द किसी सरकार में नहीं समझा. बंद हुई मिलों में काम करने वाले मजदूरों के परिवार छोटा-मोटा काम करके अपना जीवन यापन कर रहे हैं. इसके अलावा इस विधानसभा में उद्योग एक बड़ी समस्या चुनाव में आ सकती है. इस विधानसभा में पानी की और सड़कों की समस्या होने के कारण लगातार इस इलाके के लोग प्रदर्शन भी करते रहते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि इस विधानसभा चुनाव में ऊर्जा मंत्री के लिए बिजली की समस्या उनके लिए एक बड़ी मुसीबत बनेगी, क्योंकि लगातार आम लोग बिजली की समस्या और अनुमानित बिलों के कारण लोग काफी परेशान है. लोगों का कहना है कि ''बिजली विभाग के द्वारा चार गुना बिजली का बिल लोगों को भेजा जा रहा है. यही कारण है कि रोज सैकड़ों लोग ऊर्जा मंत्री की चक्कर लगाते रहते हैं.

Last Updated : Dec 3, 2023, 6:29 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details