MP Seat Scan Bhitarwar: भितरवार कांग्रेस का अभेद किला, जानें क्यों BJP नहीं उतार पाती है दमदार प्रत्याशी
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हर सीट का एक महत्व है. ग्वालियर की डबरा सीट के बाद भितरवार सीट भी खास है. जहां पिछले तीन विधानसभा चुनाव से कांग्रेस का कब्जा देखने को मिल रहा है. इस सीट पर सिंधिया, तोमर और नरोत्तम तीनों नेताओं का दबदबा देखने मिलता है, इसके बाद भी यहां बीजेपी कांग्रेस के लाखन सिंह यादव के सामने बड़ा चेहरा नहीं उतार पाई है. भितरवार सीट का पढ़िए राजनीतिक समीकरण
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Published : May 12, 2023, 6:15 AM IST
ग्वालियर। मध्यप्रदेश में आगामी समय में विधानसभा के चुनाव होने हैं. सबसे ज्यादा राजनीतिक दलों की सबसे अधिक नजर ग्वालियर जिले पर है, क्योंकि यह जिला राजनीति का गढ़ माना जाता है, इसलिए ETV भारत के खास विश्लेषण में आज हम आपको ग्वालियर जिले की भितरवाह विधानसभा सीट के बारे में बताएंगे. जो कांग्रेस के एक अभेद किले के रूप में जानी जाती है. यह एक ऐसी विधानसभा है, जहां पर किसी भी पार्टी की लहर का कोई भी असर नहीं पड़ता है.
भितरवार सीट के मतदाता
क्या है मतदाताओं की संख्या: ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. भितरवार विधानसभा में कुल जनसंख्या लगभग 350980 है. वहीं कुल मतदाताओं की संख्या 233781 है. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 125484 है तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 108351 है और अन्य 4 हैं. इस विधानसभा से वर्तमान में कांग्रेस के विधायक लाखन सिंह यादव हैं. जो पिछले तीन वर्ष से लगातार जीतते आ रहे हैं. अब की बार भी आगामी विधानसभा 2023 के लिए कांग्रेस के इकलौते उम्मीदवार के रूप में वर्तमान विधायक लाखन सिंह यादव हैं. तो वहीं बीजेपी अभी अपने प्रत्याशी उतारने के लिए तलाश में जुट गई है.
भितरवार सीट कांग्रेस का अभेद किला:ग्वालियर जिले की यह भितरवार विधानसभा सीट कांग्रेस का अभेद किले के रूप में जानी जाती है. यह विधानसभा त्रिकोणीय मुकाबले के लिए जानी जाती है. यहां पर बीजेपी और कांग्रेस के साथ-साथ बीएसपी का भी अच्छा खासा वर्चस्व रहता है, लेकिन पिछले तीन बार से इस विधानसभा से कांग्रेस के कद्दावर नेता और मंत्री रहे लाखन सिंह यादव लगातार तीन बार से जीत दर्ज कर रहे हैं. जबकि बीजेपी लगातार हार का मुंह देख देखती आ रही है. सबसे खास बात यह है कि हर विधानसभा में पिछले तीन बार से बीजेपी ने कोई ऐसा दमदार प्रत्याशी नहीं उतारा है, जो कांग्रेस के इस अभेद किले को ढहा सके. जब चुनाव नजदीक आते हैं, तब तक इस विधानसभा के लिए बीजेपी कांग्रेस को पटखनी देने के लिए अलग-अलग उम्मीदवारों का चयन करती है, लेकिन हालात यह है कि पिछले तीन बार से बीजेपी को सफलता हासिल नहीं हो पा रही है और इस बार फिर बीजेपी ने नए प्रत्याशियों का चयन करना शुरू कर दिया है. अब देखना होगा कि क्या अब की बार कांग्रेस का यह अभेद किला बरकरार रहेगा या फिर इस पर बीजेपी जीत हासिल करेगी.
2018 का विधानसभा चुनाव:भितरवार विधानसभा चुनाव के पिछले तीन चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो कुछ ऐसा हाल देखने मिलता है. जहां साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से लाखन सिंह यादव को 66439 वोट मिले थे. जबकि भाजपा के अनूप मिश्रा को 54309 वोट मिले थे.
2018 का भितरवार सीट का रिजल्ट
2013 का विधानसभा चुनाव: इस विधानसभा में कांग्रेस के लाखन सिंह यादव ने 6548 वोटों से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में लाखन सिंह यादव को 40578 वोट मिले थे, तो वहीं बीजेपी से अनूप मिश्रा को 34030 वोट मिले थे. जबकि बहुजन समाज पार्टी से रामनिवास सिंह गुर्जर को 24556 वोट मिले थे.
2008 का विधानसभा चुनाव:साल 2008 में कांग्रेस के लाखन सिंह यादव को 34846 वोट मिले थे, तो वहीं बीजेपी के विजेंद्र तिवारी को 24398 वोट मिले थे. जबकि बीएसपी के जवाहर सिंह रावत को 18448 वोट मिले थे. इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की लाखन सिंह यादव ने 10488 वोटों से जीत हासिल की थी.
2003 का विधानसभा चुनाव: वहीं साल 2003 में इस विधानसभा सीट से बीजेपी के ध्यानेद्र सिंह को 30866 वोट मिले थे और एसपी से मुन्नालाल गोयल को 18852 वोट मिले थे.
भितरवार विधानसभा सीट रिपोर्ट कार्ड
1998 का विधानसभा चुनाव:इस चुनाव में बीएसपी के टिकट पर लाखन सिंह यादव विधायक चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस की बाल अनूप शुक्ला को करीब 10000 वोटों के अंतर से हराया था.
भितरवार विधानसभा के संभावित उम्मीदवार:
बीजेपी के संभावित उम्मीदवार
लोकेंद्र पाराशर, वर्तमान में प्रदेश मंत्री
कौशल शर्मा, भाजपा ग्रामीण जिला अध्यक्ष
जितेंद्र रावत, जिला पंचायत सदस्य
मोहन सिंह राठौर, सिंधिया समर्थक
कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार
कांग्रेस के सबसे प्रमुख और इकलौते उम्मीदवार यहां पर वर्तमान विधायक और मंत्री रहे लाखन सिंह यादव हैं.
इस सीट पर कई बड़े नेताओं का वजूद: ग्वालियर की भितरवार विधानसभा जातीय समीकरण के लिए पहचानी जाती है. यहां पर हमेशा त्रिकोणीय मुकाबला होता रहा है, लेकिन पिछले तीन बार से यहां कांग्रेस से अपनी जीत दर्ज करा रही है. वही हर विधानसभा चुनाव में बीजेपी यहां पर अपना उम्मीदवार उतारती है, लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार और वर्तमान विधायक लाखन सिंह के आगे किसी की जोर आजमाइश नहीं चलती है. इस विधानसभा में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी अपना वजूद रखते हैं, लेकिन इन तीनों नेताओं की गुटबाजी के चलते यहां पर बीजेपी अभी तक अपना दमदार प्रत्याशी नहीं उतार पाई है. यही कारण है कि कांग्रेस के लाखन सिंह यादव तीन बार से बीजेपी को पटखनी दे रहे हैं. अबकी बार आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से कई प्रत्याशी मैदान में आ गए हैं और वह लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेता से टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की तरफ से सिर्फ इकलौते उम्मीदवार के रूप में लाखन सिंह यादव हैं. जो फिर से बीजेपी के सामने खड़े होने की तैयारी में है. वहीं तीसरे दल के रूप में यहां सबसे ज्यादा सक्रिय बहुजन समाज पार्टी है. वह भी इस बार मैदान में है. इसके साथ ही अबकी बार यह भी बताया जा रहा है कि इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी अपना प्रत्याशी उतारने जा रही है. बीएसपी से पूर्व जनपद अध्यक्ष सहित अन्य की दावेदारी है. आम आदमी पार्टी से अभी कोई तय नहीं हो पाया है कि यहां से मैदान में कौन उतरेगा.
भितरवार विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे:वहीं विधानसभा की जनसमस्याओं को लेकर अगर बात करें तो विधानसभा मूलभूत सुविधाओं से जूझ रही है. यह पूरा विधानसभा क्षेत्र पेयजल समस्या से जूझ रहा है. इसका अभी तक कोई निदान नहीं हो पाया है. साथ ही गर्मियों के समय पर यहां पानी की काफी किल्लत रहती है. लोग एक एक बूंद के लिए तरसते हैं. इस विधानसभा में अवैध रेत का मुद्दा लगातार गरमाता रहता है. अवैध रेत की प्रबल और लगातार हो रहे मामलों को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं है. साथ ही इस विधानसभा में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल देखने को मिलता है. यहां पर इकलौता उप स्वास्थ्य केंद्र अपनी दुर्दशा का आंसू बहा रहा है. इसके साथ ही यहां पर सड़कों की बुरी हालत है. सड़कें पूरी तरह खुदी हुई है और इस विधानसभा में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है.