ग्वालियर। नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े की जांच एमपी हाईकोर्ट ने CBI को सौंप दी है. बुधवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में इस मामले में सुनवाई हुई. (mp nursing colleges cbi investigation). जिसमें हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपने के साथ ही मामले में 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है. जाहिर है कोर्ट के इस फैसले से नर्सिंग काउंसिल, जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी और मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ेंगी.
सीबीआई को जांच सौंपने के कई मायने:नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई को सौंपने के कई मायने हैं. कोर्ट ने यह मान लिया है कि मामले में गड़बड़ियां हुई हैं (MP Nursing Colleges Scam). इसलिए मामले की जांच देश की सबसे बड़ी एजेंसी को सौंपी गई है. आदेश के मुताबिक CBI तीन महीने के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी. कोर्ट ने बेदह सख्त लहजे में कहा है कि जांच में समय का खास ख्याल रखा जाए और इसके लिए तीन महीने का वक्त मुकर्रर किया गया है.
5 जनवरी को अगली सुनवाई :बुधवार को हाईकोर्ट में चिकित्सा शिक्षा विभाग के डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन पेश हुए थे. साथ ही CBI के अधिकारी भी पहुंचे. इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव समेत कई और भी अधिकारी मौजूद थे. गौरतलब है कि 35 नर्सिंग कॉलेजों में मिली गड़बड़ी के बाद कोर्ट ने भोपाल पुलिस को रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश दिए थे. इससे पहले प्रदेश में गैर कानूनी ढंग से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेजों के मामले में राज्य शासन ने प्रदेश के 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निलंबित कर दी थी. जिसमें प्रदेश की राजधानी भोपाल में संचालित हो रहे आठ नर्सिंग कॉलेज भी शामिल हैं. (cbi report in mp college scam)
हाईकोर्ट ने दिए थे आधिकारियों को मौजूद रहने के निर्देश : सत्र 2019-20 में मध्य प्रदेश में 520 कॉलेजों को संबद्धता दी गई थी. मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने इन्हें मान्यता दी थी. जिनमें से कम से कम 35-36 कॉलेज ग्वालियर चंबल अंचल में संचालित किए जा रहे थे. कोर्ट में मौजूद मध्य प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने रिकॉर्ड के संबंध में हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दी. जिसमें महाधिवक्ता ने मामले में गड़बड़ियों के संबंध में कई तथ्य बताए. आज हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने DME, इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव के साथ ही CBI के अधिकारियों को भी कोर्ट में फिजिकली मौजूद रहने के लिए कहा था.
क्या है ये पूरा फर्जीवाड़ा: शिकायत के मुताबिक एमपी में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में कई स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं. इस मामले में ग्वालियर चंबल अंचल के 36 कॉलेजों ने सत्र 2019-20 का नामांकन कैंसिल कराने की मांग की है. साथ ही स्टूडेंट्स का फिर से एग्जाम लेने की भी मांग अपनी याचिका में की है. हाईकोर्ट ने पहले ही कॉलेजों के रिकार्ड में गड़बड़ी पर नाराजगी जताई थी और भोपाल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर शैलेंद्र चौहान ने एफिलिएशन के सारे रिकार्ड जब्त किए थे. बाद में इन्हे कोर्ट में पेश भी किया गया.