ग्वालियर।यूरिया को एमडीएमए बताकर कार्रवाई करने से पुलिस पर कई प्रकार के सवाल खड़े हो गए थे. पुलिस ने जिला न्यायालय में बरामद ड्रग की री-टेस्टिंग के लिए आवेदन किया था, जिसे खारिज कर दिए गया. इसके बाद पुलिस ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. पुलिस ने बरामद ड्रग्स की री-सैंपलिंग और री-टेस्टिंग के लिए आवेदन किया. आरोपियों के वकील की आपत्ति के बाद इस मामले को सुरक्षित रख लिया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पहली बार 72 लाख की एमडीएमए की बरामदगी का दावा किया गया था.
पुलिस ने एमडएमए का किया था दावा :मुरार और क्राइम ब्रांच पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमडीएमए बरामद करने का दावा किया था और इस सिलसिले में एक युवती सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था. लगभग 8 महीने तक सभी आरोपी जेल में रहे. उनके जमानत आवेदन को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया था. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अपील दायर की थी. लेकिन जब बरामद ड्रग्स की जांच रिपोर्ट सामने आई तो सभी लोग हैरान रह गए. क्योंकि लैब में बरामद ड्रग्स एमडीएमए न होकर यूरिया निकला था.