ग्वालियर।भारत में हर साल 28 हजार से ज्यादा मामले ब्रेन ट्यूमर के सामने आ रहे हैं. जो ब्रेन ट्यूमर से मौत का 10वां सबसे बड़ा कारण है. वहीं मध्य प्रदेश में अब इसका सफल इलाज संभव है. प्रदेश में पहली बार ग्वालियर के गजराराज मेडिकल कॉलेज (GRMC) के जयारोग्य अस्पताल में स्टीरियोटैक्टिक मशीन स्थापित की गई है. जिससे मरीजों की बायोप्सी-सर्जरी के साथ साथ मेडिकल के छात्रों को भी लाभ मिलेगा.
ऐसे निकालेंगे ट्यूमर: ग्वालियर संभाग के सबसे बड़े सरकारी जयारोग्य अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में अत्याधुनिक मशीनों को स्थापित किया गया. स्टीरियोटैक्टिक मशीन स्थापित होने के बाद जयारोग्य प्रदेश का पहला अस्पताल बन गया है. जहां ब्रेन ट्यूमर का स्टीरियोटैक्टिक मशीन के जरिए ट्यूमर तक पहुंचने के लिए दिमाग की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई और ट्यूमर तक पहुंचने के लिए कौन-सा रास्ता ठीक व नजदीक होगा. यह पता चल सकेगा. इसके आधार पर डॉक्टर एक सेंटीमीटर का छेदकर वहां से छोटा ट्यूमर निकाल सकते हैं.
अस्पताल से जल्द डिस्चार्ज होंगे मरीज: अत्याधुनिक स्टीरियोटैक्टिक मशीन के बारे में जानकारी देते हुए हुए न्यूरोसर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ अविनाश शर्मा का कहना है कि सिर की हड्डी या दिमाग में किसी भी तरह की गांठ को ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. स्टीरियोटैक्टिक यह एक फ्रेम होता है, जिसे मरीज के सिर पर लगाया जाता है, जो लैपटाप पर दिमाग के अंदर का चित्र बनाकर देता है. सर्जरी के दौरान मरीज का सिर न खोलकर एक छोटा छेद किया जाता है. जिससे ब्लीडिंग नहीं होती और मरीज को लंबे समय के लिए बेहोश नहीं करना पड़ता. जिससे मरीज को जल्द अस्पताल से डिस्चार्ज होने में मदद मिलती है.
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