मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

एजुकेशन डिपार्टमेंट को मनमानी पड़ी भारी : कर्मचारी की पेंशन पर चलाई थी कैंची, अब HC ने Contempt Of Court के तहत किया तलब - two peons filed case in high court

दो सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन पर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने कैंची चलाई तो वो कोर्ट पहुंच गए. इस मामले में शिक्षा विभाग के आला अफसरों को तलब किया गया लेकिन वो उपस्थित नहीं हुए. जिसे कोर्ट की अवमानना माना गया और उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है.

हाईकोर्ट

By

Published : Jul 2, 2021, 8:40 AM IST

Updated : Jul 2, 2021, 9:36 AM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट के आदेश की नाफरमानी शिक्षा विभाग के आला अफसरों को भारी पड़ी है. इसे Contempt Of Court माना गया है और विभाग के प्रमुख सचिव संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय और शिवपुरी के जिला शिक्षा अधिकारी को जमानती वारंट पर तलब किया है. मामला 2 कर्मचारियों को पेंशन का लाभ न पहुंचाने को लेकर है.

हाईकोर्ट ने इन तीनों को 25-25 हजार रुपए की जमानत जमा कराने को कहा है. साथ ही इन आला अधिकारियों से 4 हफ्ते के भीतर कोर्ट में पेश होकर जवाब देने का निर्देश भी दिया है.

हाईकोर्ट का अधिकारियों के खिलाफ फरमान

क्या है मामला?

दरअसल, शिक्षा विभाग के 2 कर्मचारियों सुरेश शर्मा और वीरेंद्र तोमर ने कोर्ट में याचिका डाली थी जिसमें उन्होंने दैनिक वेतनभोगी के तौर पर कार्यरत होने के बावजूद पेंशन न पाने की शिकायत की थी. इनका तर्क है कि 1990 में दोनों ने दैनिक वेतन भोगी के रूप में मगरोनी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भृत्य (चपरासी) की नौकरी शुरू की थी. बाद में यानी 2013 में इन्हें नियमित कर दिया गया, लेकिन शासन की नियमावली के मुताबिक उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिला. वो इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि विभाग के अनुसार नियमित होने के बाद का इनका सर्विस पीरियड उन मानकों पर खरा नहीं उतर रहा था जो पेंशन पाने के लिए जरूरी था. यानी 10 साल की अवधि पूरी नहीं हुई थी.

नियम का पेंच
पेंशन पाने के लिए शासकीय कर्मचारी का 10 साल की रेगुलर सर्विस होना जरूरी है लेकिन इस मामले में दैनिक वेतन भोगी के रूप में शुरू की गई इन कर्मचारियों की सर्विस को नहीं जोड़ा गया था. लिहाजा सुरेश शर्मा और वीरेंद्र तोमर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इसमें हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग और शिवपुरी के जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किए थे. लेकिन नोटिस सर्व होने के बाद भी ना तो स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से उनका कोई अधिवक्ता पेश हुआ और ना ही कोई जवाब दिया गया. इसे Contempt Of Court माना गया. इसी अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय और शिवपुरी के जिला शिक्षा अधिकारी को 25-25 हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब किया है.

दिलाई सुप्रीम कोर्ट की याद

अपने आदेश में कोर्ट ने अधिकारियों को SC की व्यवस्था की याद दिलाई है. इस पिटिशन में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ऐसे कई मामलों में व्यवस्था दी है कि जो लोग दैनिक वेतन भोगी या संविदा कर्मी के रूप में नौकरी कर ज्वाइन हुए और बाद में नियमित किए गए हैं, उनकी पुरानी सर्विस भी सेवा काल में जोड़ी जाए. लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का हवाला देने के बावजूद ऐसा नहीं किया गया. यही वजह है कि कोर्ट ने 25-25 हजार का जमानती वारंट जारी कर दिया.

Last Updated : Jul 2, 2021, 9:36 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details