ग्वालियर।मध्य प्रदेश के ग्वालियर में विकास को गति देने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा था. बताया जा रहा है कि, यह मास्टर प्लान पूरी तरह बनकर तैयार हो गया और अंतिम प्रकाशन के लिए निकलना था, लेकिन इससे पहले ही ग्वालियर की एक मंत्री ने इसमें ऑबजेक्शन्स लगाया और मामला थम गया. इस मास्टर प्लान को फिलहाल ठंड़े बस्ते में डाल दिया गया है. इसके पीछे आरोप शिवराज सरकार के उद्योग मंत्री भारत सिंह कुशवाह पर लग रहा है. सूत्रों की माने तो मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने मास्टर प्लान पर मुख्य सचिव को नोट शीट लिखकर कुछ सर्वे नंबर इस मास्टर प्लान में शामिल करने का अनुरोध किया. इस नोट शीट में मंत्री ने अपनी ग्रामीण विधानसभा के पिपरौली और केदारपुर सर्वे क्रमांक को मास्टर प्लान में शामिल करने की बात कही. क्योंकि यह पूरा एरिया शहर से सटा हुआ है और नगर निगम में आता है. उन्होंने क्षेत्र के विकास का हवाला दे मास्टर प्लान में इसे शामिल करने के लिए कहा.
फाइलों में दबा मास्टर प्लान:कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का आरोप है कि, मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने अपनी नोटशीट में, खुद की विधानसभा क्षेत्र में कुछ क्षेत्रों को जानबूझकर छोड़ने पर सवाल उठाए थे. इन्हें मास्टर प्लान में शामिल करने के लिए भी कहा. उसके बाद मंत्री की नोटशीट को आपत्ति मानते हुए इसे नगर और ग्राम निवेश विभाग में भेजा गया. विभाग द्वारा सुनवाई हुई और सभी आपत्तियों को निपटाया गया. मास्टर प्लान पूरी तरह फाइनल होकर नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के पास पहुंचा और उसके बाद गजट नोटिफिकेशन के लिए विभाग के सचिव ने इसे आगे बढ़ा दिया. जब इस बात की जानकारी मंत्री भारत सिंह कुशवाहा को लगी तो उन्होंने मंत्री भूपेंद्र सिंह से बात की, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई. फिर सत्ता के गलियारों में क्या हुआ किसी को नहीं पता लेकिन ग्वालियर का मास्टर प्लान फाइलों में दब गया.
कांग्रेस का आरोप:अब ग्वालियर के मास्टर प्लान को लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि, जिस क्षेत्र को मंत्री भारत सिंह कुशवाह मास्टर प्लान में शामिल करवाना चाहते हैं वहां उनके करीबियों की जमीन है. खास बात यह है कि, यह इलाका ऐसा है जहां पर कई मंत्री, विधायक और नेताओं से जुड़े लोगों की संपत्ति है. इसलिए अगर यह क्षेत्र मास्टर प्लान में शामिल हो जाता है तो यहां की जमीन और इलाका कीमत बढ़ जाएगी.