ग्वालियर। पीएम मोदी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन ग्वालियर पहुंचे. जहां जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ग्वालियर की ऐतिहासिक धरती को मेरा शत शत नमन. यहां की धरती साहस, स्वाभिमान, सैन्य गौरव, संगीत, स्वाद और सरसों का प्रतीक है. ग्वालियर ने राष्ट्र रक्षा के लिए हमारी सेना के लिए अपनी वीर संतानें दी है. साथ ही भारतीय जनता पार्टी की नीति और नेतृत्व को भी आकार दिया है. राजमाता विजयाराजे सिंधिया, कुशाभाऊ ठाकरे, अटल बिहारी वायपेयी को यहां की मिट्टी ने गढ़ा है.
पीएम का विपक्ष पर हमला: चुनावी मौसम में 19 हजार करोड़ की सौगात लेकर ग्वालियर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच से विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि "कांग्रेस विकास विरोधी है. जब दिल्ली और प्रदेश में इनकी सरकार थी, तब भी गरीबों की भावनाओं से खेलते थे और आज भी खेलते हैं. वो तब भी जात-पात के नाम पर लोगों को बांटते थे. आज भी यही पाप कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 हजार करोड़ से ज्यादा की विकास परियोजना का भूमिपूजन, शिलान्यास, लोकार्पण करते हुए कहा कि "यह डबल इंजन की सरकार का परिणाम है. आज मध्यप्रदेश के लोगों का भरोसा डबल इंजन वाली सरकार पर है. बीजेपी सरकार मध्यप्रदेश राज्य को बीमारू राज्यों से देश के टॉप टेन राज्यों में लेकर आई है. हमारा लक्ष्य मध्य प्रदेश को देश के टॉप तीन राज्यों में ले जाने का है, और आपका एक वोट मध्यप्रदेश को टॉप थ्री में पहुंचाएगा."
गरीबों की भावनाओं से विपक्ष ने खेला: एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि "विकास विरोधियों को भारत की उपलब्धियां नजर नहीं आती. मध्य प्रदेश का विकास वह लोग नहीं कर सकते, जिनके पास कोई नई सोच नहीं है और ना ही विकास का कोई रोड मैप है. इनका सिर्फ एक ही काम है, देश से नफरत, भारत की योजनाओं से नफरत, अपनी नफरत में यह देश की उपलब्धियों को भी भूल जाते है. एक और आज पूरी दुनिया भारत का गौरवगान कर रही है, लेकिन जो लोग जिन्हें कुर्सी के सिवाय कुछ नजर नहीं आता, उन्हें भारत का विकास अच्छा नहीं लग रहा है. इस दौरान मोदी ने गारंटी दी है कि अगले कार्यकाल में भारत टॉप थ्री इकॉनोमी में होगा. इससे भी सत्ता के भूखे कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. विकास विरोधी लोगों को देश ने छह दशक दिए थे, 60 साल कम समय नहीं होता है. जब 9 साल में इतना काम हो सकता है, उनके पास भी मौका था.. वे गरीबों की भावनाओं से खेलते थे, आज भी खेलते हैं. तब भी भ्रष्टाचार में डूबे रहते थे. आज भी यही कर रहे हैं.