ग्वालियर।इस समय पूरे मध्यप्रदेश की राजनीति में कट्टर सिंधिया समर्थक और पूर्व मंत्री इमरती देवी की बयानबाजी सुर्खियों में है(imarti devi controversial statements). पूर्व मंत्री इमरती देवी के द्वारा दी जा रही लगातार बयानबाजी को लेकर खुद बीजेपी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने नाराजगी जाहिर की है, लेकिन सबसे खास बात यह है कि पूर्व मंत्री द्वारा की जा रही बयानबाजी में पार्टी के बड़े नेताओं को टारगेट किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद उनके महाराज कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई भी बयान सामने नहीं आया है. इमरती देवी के बयान पर लगातार सिंधिया चुप्पी साधे हुए हैं (scindia silent on imrati statements). अब इसके पीछे कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. सवाल यह उठ रहा है कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर कौई बड़ी राजनीति रची जा रही है?
इमरती के बयानों पर महाराज की चुप्पी:मध्य प्रदेश की राजनीति में सबको पता है कि पूर्व मंत्री इमरती देवी कट्टर सिंधिया समर्थक हैं, क्योंकि वह राजनीति में सबसे सर्वोपरि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मानती हैं और कई बार मंच से भी बोल चुकी हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया का सिर्फ एक इशारा उनके लिए सर्वोपरि होता है, लेकिन कई महीनों से पूर्व मंत्री इमरती देवी द्वारा लगातार बयानबाजी की जा रही है. इस बयानबाजी में वह लगातार शिवराज सरकार के ही कद्दावर मंत्रियों को टारगेट करती रहती हैं. उन्हीं को अपनी हार का कारण भी बताती हैं, लेकिन इसके बावजूद पूर्व मंत्री इमरती देवी द्वारा दिए जा रहे बयानों को रोकने के लिए सरकार की तरफ से कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है (scindia silent on imrati statements). ना ही पार्टी की तरफ से पूर्व मंत्री के बयानों को रोकने के लिए कोई बयान सामने आया है. इससे भी खास बात यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी चुप्पी साधे हुए हैं.
महाराज के इशारे पर तैयार हो रही है कोई रणनीति इमरती की बेबाक बयानबाजी, खुद को ही न पड़ जाए भारी, 2023 के चुनाव से पहले BJP की मुश्किलें बढ़ा रही हैं
सिंधिया के धुर विरोधी पर पूर्व मंत्री का जुबानी हमला: सिंधिया की चुप्पी के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. यह सबको पता है कि पूर्व मंत्री इमरती देवी कट्टर सिंधिया समर्थक हैं और उन्हीं के इशारों पर वह राजनीति में आगे कदम रख रही हैं. राजनीति जानकारों की माने तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए बीजेपी के विरोधी नेताओं से निपटने के लिए इमरती देवी को ढाल बनाया जा रहा है. यही कारण है कि बीजेपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोधी नेताओं पर लगातार वह जुबानी हमला करने में लगी हैं. जो सिंधिया के धुर विरोधी माने जाते हैं और इसमें सबसे पहला नाम प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं. पूर्व मंत्री इमरती देवी कई बार अप्रत्यक्ष रूप से बिना नाम लिए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर हार का आरोप लगा चुकी हैं (imarti devi controversial statements). उनकी जुबान पर हमेशा नरोत्तम मिश्रा टारगेट पर रहते हैं और बिना नाम लिए वह लगातार कटाक्ष करती रहती हैं.
नरोत्तम मिश्रा को ठहराया हार का जिम्मेदार क्या मिशन 2023 को ध्यान में रखकर हो रही रणनीति तैयार: वहीं जानकारों की माने तो इमरती देवी के बयानों के पीछे सिंधिया की सहमति भी बताई जा रही है, क्योंकि उनकी बिना सहमति के पूर्व मंत्री एक शब्द नहीं बोलती हैं. इसके पीछे कई कारण हैं, पहला कारण यह बताया जा रहा है कि सिंधिया आगामी विधानसभा चुनाव में सीएम की रेस में अपने आप को साबित कर रहे हैं. वहीं इसमें प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी पीछे नहीं है, वह भी लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि 2023 की कमान उन्हें मिल जाए (mp mission 2023). इसके अलावा सीएम की रेस में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी देखा जा रहा है. इसी को लेकर सिंधिया समर्थक मंत्री नहीं चाहती कि सिंधिया के अलावा अंचल से कोई सीएम का चेहरा हो (scindia in race to become cm of mp). यही कारण है कि सिंधिया समर्थक नेता लगातार गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को टारगेट कर रहे हैं और उनके ही खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से बयानबाजी करने में लगे हैं. बताया जा रहा है कि सिंधिया के इशारे पर ही कोई ना कोई यह बड़ी रणनीति रखी जा रही है.