ग्वालियर।मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा का चुनाव होना है. बीजेपी और कांग्रेस युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रही हैं, लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में अबकी बार सबसे ज्यादा मुसीबत बीजेपी को झेलनी पड़ सकती है, क्योंकि पहले से ही ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के दिग्गजों में ही गुटबाजी हावी है और यह गुटबाजी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच चल रही है. लेकिन अब बीजेपी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव के लिए और मुसीबत सामने आने वाली है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि तोमर और सिंधिया के गुटके अलावा तीसरा गुट भी सक्रिय होने लगा है. तीसरे गुट के रूप में वे नेता शामिल हैं जो सिंधिया और तोमर से नाराज चल रहे हैं. इस तीसरे गुट में कई ऐसे बड़े नेता हैं जो गुटबाजी का शिकार हैं.
भाजपा में पवैया के नेतृत्व तीसरा ध्रुव:बता दें आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ग्वालियर अंचल की बीजेपी में नए समीकरण बनना शुरू हो गए हैं. संगठन में बीजेपी की राजनीति पिछले दो साल से दो ध्रुवों पर केंद्रित नजर आ रही थी. पहला ध्रुव केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व दूसरा ध्रुव केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के रूप बन गया है. दोनों ध्रुवों से तालमेल नहीं बैठा पा रहे अंचल के कुछ नेता अब बजरंगदल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया के नेतृत्व तीसरा ध्रुव बनने की तैयारी कर रहे हैं. दरअसल, पवैया भी 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे हैं. ऐसे में सिंधिया और तोमर से खफा कार्यकर्ताओं और नेताओं का साथ मिलना किसी पारस पत्थर से कम नहीं है, जिसकी झलक पवैया के निवास पर हाल में ही देखने को मिली थी.
तोमर और सिंधिया के गुट में शामिल नहीं होना चाहते:बीजेपी में गुटबाजी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि दीपावली पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा नरेंद्र सिंह तोमर भी शहर में मौजूद थे जहां केंद्रीय मंत्री तोमर ने अपने सरकारी निवासी पर लोगों से मुलाकात की, जबकि सिंधिया घर-घर जाकर मिल रहे थे. लेकिन दोनों नेता पवैया के यहां नहीं पहुंचे. इसके साथ ही इस दौरान अभी हाल में ही पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के घर पर उन नेताओं की मुलाकात हुई जो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की गुटबाजी का शिकार हैं. वे नेता तोमर और सिंधिया के गुट में शामिल नहीं होना चाहते हैं और तीसरा गुट बनाने की तैयारी में जुटे हैं, जिनमें बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल है.