मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

Gwalior Region: सिंधिया और तोमर से नाराज नेताओं का तीसरा गुट तैयार, बीजेपी के लिए मुसीबत

ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में अब एक तीसरा गुट बनता नजर आ रहा है. ये वो गुट है जिसके नेता तोमर और सिंधिया गुट में नहीं जाना चाहते. अब ये लोग जयभान सिंह पवैया के नेतृत्व तीसरा गुट बना रहे हैं, जो भाजपा के Mission 2023 के आगे रोड़ा अटका सकता है. (Gwalior region )(BJP internal conflicts in Gwalior region)(MP Assembly election 2023)

BJP internal conflicts in Gwalior region
सिंधिया और तोमर से नाराज नेताओं का तीसरा गुट तैयार

By

Published : Nov 3, 2022, 10:56 PM IST

ग्वालियर।मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा का चुनाव होना है. बीजेपी और कांग्रेस युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रही हैं, लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में अबकी बार सबसे ज्यादा मुसीबत बीजेपी को झेलनी पड़ सकती है, क्योंकि पहले से ही ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी के दिग्गजों में ही गुटबाजी हावी है और यह गुटबाजी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के बीच चल रही है. लेकिन अब बीजेपी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव के लिए और मुसीबत सामने आने वाली है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि तोमर और सिंधिया के गुटके अलावा तीसरा गुट भी सक्रिय होने लगा है. तीसरे गुट के रूप में वे नेता शामिल हैं जो सिंधिया और तोमर से नाराज चल रहे हैं. इस तीसरे गुट में कई ऐसे बड़े नेता हैं जो गुटबाजी का शिकार हैं.

भाजपा में पवैया के नेतृत्व तीसरा ध्रुव:बता दें आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ग्वालियर अंचल की बीजेपी में नए समीकरण बनना शुरू हो गए हैं. संगठन में बीजेपी की राजनीति पिछले दो साल से दो ध्रुवों पर केंद्रित नजर आ रही थी. पहला ध्रुव केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व दूसरा ध्रुव केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के रूप बन गया है. दोनों ध्रुवों से तालमेल नहीं बैठा पा रहे अंचल के कुछ नेता अब बजरंगदल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया के नेतृत्व तीसरा ध्रुव बनने की तैयारी कर रहे हैं. दरअसल, पवैया भी 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी जमीन तलाश रहे हैं. ऐसे में सिंधिया और तोमर से खफा कार्यकर्ताओं और नेताओं का साथ मिलना किसी पारस पत्थर से कम नहीं है, जिसकी झलक पवैया के निवास पर हाल में ही देखने को मिली थी.

बीजेपी के लिए मुसीबत

तोमर और सिंधिया के गुट में शामिल नहीं होना चाहते:बीजेपी में गुटबाजी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि दीपावली पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा नरेंद्र सिंह तोमर भी शहर में मौजूद थे जहां केंद्रीय मंत्री तोमर ने अपने सरकारी निवासी पर लोगों से मुलाकात की, जबकि सिंधिया घर-घर जाकर मिल रहे थे. लेकिन दोनों नेता पवैया के यहां नहीं पहुंचे. इसके साथ ही इस दौरान अभी हाल में ही पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के घर पर उन नेताओं की मुलाकात हुई जो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की गुटबाजी का शिकार हैं. वे नेता तोमर और सिंधिया के गुट में शामिल नहीं होना चाहते हैं और तीसरा गुट बनाने की तैयारी में जुटे हैं, जिनमें बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल है.

तीसरे गुट में शामिल होने के लिए तैयार चंबल अंचल के कई नेता:गौरतलब है कि पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ग्वालियर चंबल अंचल के एक बड़े कद्दावर नेता के रूप में जाने जाते हैं और शुरू से ही वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक विरोधी रहे हैं, तो वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी उनके तालमेल ठीक नहीं हैं. इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा भी लगातार पार्टी से दरकिनार हैं और न ही वह पार्टी के कार्यक्रम में पहुंच रहे हैं इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर भी उन्हें अलग कर चुके हैं. इसके अलावा बीजेपी के कई कई नेता ऐसे हैं जो चंबल अंचल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्र मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गुट में शामिल नहीं होना चाहते हैं और ना ही उनको जगह मिल पा रही है. ऐसे में वह तीसरे गुट में शामिल होने के लिए तैयारी कर रहे हैं.

सिंधिया और तोमर से नाराज नेताओं का तीसरा गुट तैयार

MP Mission 2023: अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर बीजेपी की नजर, ग्वालियर में लगातार हो रही है संभागीय बैठक

यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बीजेपी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के शामिल होने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में सबसे ज्यादा गुटबाजी हावी है. यही कारण है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच यह गुटबाजी खुलकर सामने भी आ रही है. यही कारण है कि बीजेपी को सबसे ज्यादा संकट इस ग्वालियर चंबल अंचल में देखने को मिल रहा है क्योंकि इन दोनों नेताओं की गुटबाजी की वजह से कार्यकर्ताओं के बीच हुई गुटबाजी तेजी से बढ़ रही है. वहीं इन दोनों नेताओं से नाराज बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता तीसरे गुटकी बनाने की तैयारी में है और इसका सबसे ज्यादा असर आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.(Gwalior region )(BJP internal conflicts in Gwalior region)(MP Assembly election 2023)(BJP Mission 2023)

ABOUT THE AUTHOR

...view details