ग्वालियर।भले ही मध्य प्रदेश की विधानसभा चुनावों में अभी समय है, लेकिन सरकार के मंत्रियों ने अभी से ही अपनी विधानसभा में डेरा डाल दिया है. (Mission MP 2023) यही कारण है कि मंत्रियों को हार का डर इतना है कि, मंत्री पद को भूल कर अपनी ही विधानसभा में उद्घाटन, शिलान्यास की होड़ में बीजेपी के मंत्री और नेता प्रोटोकॉल भूल चुके हैं. हर मंत्री अपने अपने क्षेत्र मे अपनी मनमर्जी से कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, लेकिन वे सिर्फ अपनी विधानसभा क्षेत्रों तक सीमित हो गए हैं.(Saal Chunavi Hai) एक दूसरे के क्षेत्र में न जा रहे है. ना कोई बुला रहा है. (MP Assembly Election 2023) मंत्री क्षेत्रीय मेयर और पार्षदों तक को नही बुला रहे. अधिकारी भी इस समय सरकार के दबाव में इस कदर हैं कि वे जीते हुए कांग्रेस विधायक के क्षेत्र में हार चुके बीजेपी प्रत्याशी को अतिथि बनाकर बुला रहे हैं.
विधानसभा क्षेत्र में जमाया डेरा:मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर इन दिनों सिर्फ अपनी विधानसभा में डेरा डाले हुए हैं. वह इस समय मध्य प्रदेश की बिजली समस्या को छोड़कर सुबह से लेकर रात तक सिर्फ अपनी ही विधानसभा में अकेले ही शिलान्यास और उद्घाटन करने में लगे हुए हैं. प्रोटोकॉल को भूलकर ना तो व क्षेत्रीय सांसद को बुला रहे हैं और ना ही शहर के प्रथम नागरिक महापौर को आमंत्रण दे रहे हैं. यही हाल उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाहा का है. भारत सिंह कुशवाह अपनी ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में फीता काटते हुए नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही शिलान्यास और उद्घाटन के दौरान वह सिर्फ अकेले ही नजर आ रहे हैं. वह भी किसी भी पार्टी के नेता यानी क्षेत्रीय सांसद महापौर या किसी पार्षद को बुलाना पसंद नहीं कर रहे हैं.
गौरव दिवस मेयर को भूल गए: मेयर किसी भी शहर की प्रथम नागरिक होती है और उसे किसी भी दल से ऊपर माना जाता है. ग्वालियर गौरव दिवस के आयोजन का सारा खर्च और व्यवस्थाओं का जिम्मा नगर निगम उठा रही थी, लेकिन इसमें नगर निगम की मेयर को ही नहीं बुलाया गया. ग्वालियर में 57 साल बाद कांग्रेस की मेयर बनी हैं. इस पद पर डॉ शोभा सिकरवार काबिज हैं. इतना हीं नहीं यह पूरा आयोजन महाराज बाड़े पर आयोजित हुआ जो ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में स्थित है. इसमें इसी क्षेत्र के एमएलए प्रवीण पाठक को नहीं बुलाया गया. जबकि उनसे चुनाव हार चुके नारायण सिंह कुशवाह वीवीआईपी दीर्घा में मंचासीन थे.
पूर्व विधायक थे चीफ गेस्ट:ग्वालियर पूर्व विधानसभा के क्षेत्र में तो बड़ी ही हास्यास्पद स्थिति है. 2018 के विधानसभा उप चुनाव में यहां से जीते कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में विधायक पद और कांग्रेस दोनो छोड़ दीं. 2020 में हुए उप चुनाव में वे बीजेपी के टिकट पर लड़े, लेकिन हार गए. कांग्रेस के डॉ. सतीश सिकरवार ने जीत दर्ज की. इस विधानसभा के आयोजनों में प्रशासन अभी भी पूर्व विधायक गोयल को ही एमएलए जैसा मान सम्मान दे रहा है. वे बाकायदा अधिकारियों की बैठक ले रहे हैं. भूमि पूजन और उद्घाटन कर रहे हैं. विगत दिनों प्रशासन ने कुछ वर्ष पहले फूटी कॉलोनी से अतिक्रमण हटाने से विस्थापित हुए आवास के पट्टे वितरित किये गए. इसका समारोह हुआ. जिसमें क्षेत्रीय विधायक और मेयर को नहीं बुलाया गया, जबकि पूर्व विधायक गोयल चीफ गेस्ट थे.