ग्वालियर| 5 महीने पहले ग्वालियर-चंबल संभाग में जिस तरीके से कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल की थी उसको लोकसभा चुनाव में दोहराने में पार्टी पूरी तरह नाकामयाब साबित हुई है. भले ही हाईकमान ने सभी मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी को जीत दिलाने का टारगेट दिया हो, लेकिन विधानसभा तो छोड़िए वह अपने पोलिंग सेंटर भी कांग्रेस प्रत्याशियों को नहीं जिता पाए.
ग्वालियर-चंबल अंचल में कमलनाथ के मंत्री भी रहे बेअसर, पोलिंग बूथ भी जिताने में नहीं हुए सफल - लोकसभा चुनाव
ग्वालियर-चंबल-अंचल में भले ही हाईकमान ने सभी मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी को जीत दिलाने का टारगेट दिया हो, लेकिन विधानसभा तो छोड़िए वह अपने पोलिंग सेंटर भी कांग्रेस प्रत्याशियों को नहीं जिता पाए.
ग्वालियर-चंबल-अंचल की 24 विधानसभा सीटों के विधायक लगातार अंचल में सक्रिय रहे और बीजेपी की तरफ से सिर्फ 7 विधायकों प्रत्याशी को जिताने में सक्रिय थे. लेकिन कांग्रेस के 24 विधायकों पर बीजेपी के 7 विधायक भारी नजर आए हैं.
दिग्गज माने जाने वाले प्रद्युमन सिंह तोमर और गोविंद सिंह जैसे मंत्रियों के इलाके में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. मोदी लहर इतनी जबरदस्त थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ग्वालियर के कांग्रेस प्रत्याशी खुद अपने पोलिंग सेंटर को नहीं बचा पाए. कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मिली हार से सदमे में है और हार की समीक्षा करने की बात भी कह रही है. इसको लेकर अंचल के नेता रिपोर्ट बनाकर भोपाल में आयोजित होने वाली समीक्षा बैठक में भेजेंगे.