ग्वालियर। प्रदेश में 28 विधानसभा उपचुनाव को लेकर दोनों ही दल के प्रत्याशी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. लेकिन सबसे ज्यादा इस उपचुनाव में सिंधिया समर्थक प्रत्याशी संकट में नजर आ रहे हैं. लिहाजा आलम यह है कि जीत के लिए प्रत्याशी मतदाता के पैरों में गिरने को मजबूर हैं. कुछ ऐसा ही एक वीडियो बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जहां वे एक कांग्रेस कार्यकर्ता के घर जाकर पैरों में गिरकर साथ चलने की जिद कर रहे हैं.
वोट के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता के पैरों में गिरे मंत्री पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाए, कार्यकर्ता ने किया मना
वीडियो में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अपने रिश्तेदार और कांग्रेसी कार्यकर्ता रघुनाथ सिंह तोमर से अपने साथ चलने की बात कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेसी कार्यकर्ता साथ चलने से मना कर रहे हैं, तो मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर हाथ जोड़कर उसके पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाने लगे. पहले मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कांग्रेसी कार्यकर्ता से साथ चलने का दबाव बनाया लेकिन वह नहीं माना. तो मंत्री पैरों पर गिरकर गिड़गिड़ाने लगे. जिसके बाद कार्यकर्ता और उसका परिवार मंत्री को ऐसा करने से रोकने लगे.
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वहीं इस वीडियो पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने मंत्री तोमर पर निशाना साधा है. नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट करत हुए लिखा है कि देखिए क्या हालत हो गयी है इन ग़द्दारों की , सौदेबाज़ो की, दलबदलू मंत्रियो की...? ना जनता इनके साथ है और ना इनके करीबी, अपने एक करीबी रिश्तेदार के पैरों में गिरकर साथ चलने की मनुहार कर रहे हैं मंत्री तोमर लेकिन वो टस से मस नहीं हुए. इन ग़द्दारों के साथ कोई भी खड़ा नहीं हो रहा है.
मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के पैरों में गिरकर वोट मांगने पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी तंज कसा है.दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि यही फर्क है बिकाऊ और टिकाऊ में, कांग्रेस को अपने टिकाऊ कार्यकर्ताओं व नेताओं का पूरा ख्याल रखना चाहिए. अभी तो घुटने टेके हैं 3 नवंबर तक साष्टांग करेंगे. चुनाव हारने के बाद आंख दिखाएंगे.
वहीं दिग्विजय सिंह के अलावा कांग्रेस नेता अरूण यादव ने भी टवीट कर लिखा है कि ऐसे कार्यकर्ता की वजह से पार्टी ज़िंदा है, ऐसे कार्यकर्ताओं को सलाम है, पर हमें ऐसे कार्यकर्ताओं का उस समय भी ध्यान रखना होगा, जब हम सतापक्ष होते हैं तब हम इन्हें भूल जातें हैं.
गौरतलब है कि पहले जहां कांग्रेस का सदस्य होने पर वहीं कार्यकर्ता साथ जाकर वोट मांगते थे, अब आलम यह है कि उन्हीं कार्यकर्ता के साथ चलने के लिए मंत्री को पैरों में गिरना पड़ रहा है.