ग्वालियर। जिले में लगातार बढ़ती कोरोना संकरण के कारण मरीजों की मौत का आंकड़ा लगातार तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन जिले में लगातार संक्रमण के कारण हो रही मरीजों की मौत का आकड़ों में जिला प्रशासन जादूगरी का 'खेल-खेल' रहा है और यही वजह है कि जिला प्रशासन के मौत के आंकड़े और लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम के आंकड़ों में काफी अंतर नजर आ रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल तक सिर्फ 32 मरीजों की मौत हुई है. लेकिन मुक्तिधाम के आंकड़ों के मुताबिक 15 दिनों में कुल 137 मरीजों की मौत हुई है. जिनमें से 52 शवों को कोरोना गाइड लाइन के तहत अंतिम संस्कार किया है. मतलब जिला प्रशासन 20 शवों को कहां से आये थे, इसका कुछ पता नहीं है.
शवों की आंकड़ों में 'जादूगरी'
ग्वालियर में लक्ष्मीगंज विद्युत शवदाह गृह है, यहां कोरोना शवों को जलाया जाता है. कोरोना संक्रमण के कारण शवों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि अब जिला प्रशासन भी कोरोना से हो रही शवों के आंकड़ों में भी 'हेराफेरी' कर रहा है. मुक्तिधाम के आंकड़ों के अनुसार 15 दिनों में कुल 137 लोगो की मौत हुई है, जिनमें से सिर्फ प्रशासन दावा कर रहा है कि 52 शवों को कोरोना गाइड लाइन के तहत जलाया गया है.
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सरकारी आंकड़ों में 20 शव 'लापता'
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल से 15 अप्रैल तक 32 मरीजों की मौत हुई है. लेकिन लक्ष्मीगंज विद्युत विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इन 15 दिनों में 52 शवों को कोरोना गाइड लाइन के तहद जलाया गया है. अब सवाल यह उठ रहा है कि जिला प्रशासन के पास 20 शवों का आंकड़ा कहां है, इन शवों को कहां से लाया गया था. जिला प्रशासन के पास इन आंकड़ों की कोई जानकारी नहीं है. यह आंकड़ा सिर्फ अप्रैल के महीने का है. अगर पिछले फरवरी और मार्च की बात की जाएं तो इन शवों के आंकड़ों में प्रशासन की 'कारीस्तानी' की 'बू' नजर आ रही है.
जिला प्रशासन के पास नहीं है शवों का आंकड़ा
ग्वालियर शहर में तीन बड़े मुक्तिधाम है, जिसमें लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम, मुरार मुक्तिधाम और चार शहर का नाका मुक्तिधाम शामिल है. लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में कोराना के शवों को विद्युत शवदाह गृह के माध्यम से जलाया जाता है और इसकी निगरानी नगर निगम करती है. लेकिन शहर के दो बड़े मुक्तिधाम मुरार और चार शहर का नाका मुक्तिधाम में रोज कितने शव आ रहे हैं इनकी प्रशासन के पास कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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शहर के मुक्ति धाम में कितने रोज कितने आ रहे हैं शव
10 अप्रैल