ग्वालियर।जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, मध्यप्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी की मुसीबतें कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है. एक तरफ चंबल अंचल में सिंधिया समर्थकों और बीजेपी के लोगों की दूरियां कम होने के नाम नहीं ले रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व सीएम और बीजेपी की वरिष्ठ नेता साध्वी उमा भारती भी रोज नए बयान देकर दिक्कतें पैदा कर रही हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने लोधियों से बीजेपी को वोट न देने को लेकर बयान दिया था, अब रविवार को वे अचानक बीजेपी के लिए मुसीबत बन रहे निष्कासित नेता प्रीतम लोधी के जलालपुर स्थित गांव पहुंच गईं. इतना ही नहीं उमा भारती ने वहां गांव वालों की चौपाल लगाकर लोधी की जमकर तारीफ की. यहां तक कहा कि पार्टी से निकाले जाने के बाद वे मुझसे भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए हैं. हर जगह उनके लिए भीड़ उमड़ रही है क्योंकि वे शोषित और पीड़ितों की आवाज बन रहे हैं.
बीजेपी पिछड़े वर्गों के साथ नहीं करती अन्याय:उमा भारती ग्वालियर के पुरानी छावनी स्थित गांव जलालपुर पहुंची, जहां भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. वे सड़क पर ही कुर्सियां मंगवाकर चौपाल लगाकर बैठ गईं. उन्होंने प्रीतम के साथ उनकी पत्नी को भी बुलवाया और उनका परिचय देते हुए उन्हें अपनी बाएं तरफ बिठाया. उन्होंने कहा कि "प्रीतम बीजेपी की तरफ से 1989 के चुनाव में मेरे चुनाव प्रचार की कमान संभालने गए तब से ये मेरे अनन्य सहयोगी बने और मेरे लिए कई बार उनकी जिंदगी दांव पर लगी. 30 साल पहले उन्होंने मेरे कहने पर शराब पीना छोड़ा और इसके बाद बीजेपी और मैंने उन्हें चुनाव लड़ाया है. अभी कुछ दिनों पहले जयंत मलैया जी को नोटिस मिला था. उनका बेटा अभी भी निष्कासित है, लेकिन बीजेपी के सभी नेता उनके घर पहुंचे, इसलिए अगर आज मैं लोधी के घर न आऊं तो पिछड़े वर्गों को ये लगेगा कि उनके साथ हमारी पार्टी अन्याय करती है."
प्रीतम को उमा की यह समझाइश:उमा भारती ने प्रीतम लोधी को ये समझाइश दी कि, वे किसी जाति विशेष के खिलाफ न बोलें क्योंकि वे पिछोर में सभी गरीब और असहाय लोगों की आवाज हैं. उनमें ब्राह्मण वर्ग भी है, सवर्ण भी, दलित वर्ग भी और आदिवासी भी हैं. अचानक एक वर्ग विशेष के खिलाफ कही गई बात का दुष्प्रचार हुआ. इसी वजह से उमा भारती ने लोधी को समझाया. उन्होंने कहा जब भगवान ने उन्हें ओबीसी महासभा के केंद्र बिंदु बनाया है, तो भगवान ने आपको पिछड़ा वर्ग का मसीहा बना दिया है, इसलिए अब सबको साथ लेकर चलो.