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शासन के निर्देशों के बाद भी ग्वालियर में शराब दुकान खोलने तैयार नहीं ठेकेदार, अब कोर्ट की शरण में पहुंचे - Municipal council

प्रशासन के निर्देश के बावजूद ग्वालियर शहर में शराब दुकानें अब तक नहीं खोली गईं. ऐसे हालात में सरकार को मिलने वाली लाइसेंस फीस का भुगतान कैसे होगा, शराब दुकानदार इसको लेकर चिंतित हैं. ठेकेदारों ने इसे लेकर कोर्ट में याचिका भी लगा दी है.

Liquor shops did not open even on the instructions of the government
शासन के निर्देश पर भी नहीं खुली शराब दुकानें

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Published : May 23, 2020, 1:40 PM IST

ग्वालियर। शहर में प्रशासन के निर्देश के बावजूद नगर निगम सीमा के भीतर शराब की दुकानें नहीं खोली गई हैं. ऐसे में सरकार को मिलने वाली रोजाना की लाइसेंस फीस का भुगतान कैसे होगा, इस बात पर कोई भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. शासन स्तर पर पहले ग्रामीण क्षेत्र की शराब दुकानें खोली गई थीं. बाद में 20 मई को आबकारी विभाग के निर्देश के बाद शहर की अंग्रेजी और देसी दुकानें खोली जानी चाहिए थी, लेकिन ठेकेदारों ने ये दुकानें नहीं खोली.

शासन के निर्देश पर भी नहीं खुली शराब दुकानें

ग्वालियर में 400 करोड़ के आबकारी ठेकों को दो ग्रुप ने ले लिया है, लेकिन वह सरकार से लाइसेंस फीस में रियायत की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते जो नए ठेके 1 अप्रैल से संचालित किए जाने थे, वो लॉकडाउन के कारण ठेके विलंब से खुले हैं. इससे ठेकेदारों को काफी नुकसान हुआ है. ऐसे हालात में वे सरकार को तय लाइसेंस फीस नहीं चुका सकते हैं. जिले में फिलहाल ग्रामीण क्षेत्र की अंग्रेजी और देसी शराब की दुकानें खोली गई हैं. जबकि शहर की एक दर्जन से ज्यादा अंग्रेजी और देसी शराब दुकानों पर ताले लटके हुए हैं. शराब खरीदने लोग ग्रामीण इलाके में जा रहे हैं.

ठेकेदारों ने लगाई कोर्ट में याचिका

खास बात यह है कि आबकारी विभाग को भरोसा है कि करीब 18 दिनों से बंद दुकानों की लाइसेंस फीस वे ठेकेदारों से वसूल लेंगे, लेकिन ठेकेदारों ने इससे पहले ही कोर्ट में याचिका लगा दी है. उनका कहना है कि कोरोना काल के कारण उनकी दुकानों में बिक्री ना के बराबर है. ऐसे में वे 20 प्रतिशत लाइसेंस फीस नहीं चुका पाएंगे.

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