ग्वालियर।देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ(प्रथम जन प्रस्ताव) लाने और उसकी 10 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचने के फैसले का विरोध बढ़ता जा रहा है. एलआईसी के क्षेत्रीय कार्यालय सिटी सेंटर के बाहर मंगलवार को एलआईसी के विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले के खिलाफ नारेबाजी की और इसे घातक बताया.
LIC कर्मचारियों ने की हड़ताल, 10 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचने का कर रहे हैं विरोध - LIC employees strike
ग्वालियर में LIC कर्मचारियों ने सिटी सेंटर के कार्यालय के बाहर नारेबाजी की और सरकार के भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ(प्रथम जन प्रस्ताव) लाने और उसकी 10 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचने के फैसले को घातक बताया.
एलआईसी के अधिकारी कर्मचारियों का कहना है कि सरकार एक महत्वपूर्ण संस्था एलआईसी का निजीकरण करने की दिशा में कदम उठाती जा रही है, इसका नतीजा है कि भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ लाकर उसका 10 फ़ीसदी हिस्सा बेचने का फैसला अब सबके सामने हैं.
कर्मचारियों का कहना है कि 1956 से भारतीय जीवन बीमा निगम ने वित्तीय मदद से भारत सरकार को हजारों करोड़ रुपए की मदद करती आई है, लेकिन जो उसमें आईपीओ लाने और 10 फ़ीसदी हिस्सा बेचने की बात कही है, उससे एलआईसी की मदद पर असर पड़ेगा. एलआईसी अपने आर्थिक सहयोग से देश के विकास कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान देती है लेकिन सरकार को यह रास नहीं आ रहा है.