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स्थापना दिवस: आखिर ग्वालियर क्यों नहीं बन पाई एमपी की राजधानी ?

मध्य प्रदेश की राजधानी बनने की रेस में सबसे पहला नाम ग्वालियर का था, लेकिन उस वक्त की घटनाओं ने राजधानी बनने की राह में कई रोड़े पैदा किए. नहीं तो आज भोपाल की जगह ग्वालियर मध्य प्रदेश की राजधानी होती.

ग्वालियर क्यों नहीं बन पाई एमपी की राजधानी

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Published : Nov 1, 2019, 12:09 AM IST

ग्वालियर। 1 नवंबर को मध्य प्रदेश का 64 वां स्थापना दिवस है. साल1956 में भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी घोषित किया गया था, लेकिन क्या आपको मालूम है कि ग्वालियर का नाम राजधानी की रेस में सबसे आगे था. लेकिन मध्य प्रदेश गठन के साथ राजधानी को लेकर कई और बड़े शहरों के नाम सामने आए, जिसमें ग्वालियर का नाम सबसे ऊपर था और इसका सबसे बड़ा कारण ग्वालियर का सर्व संपन्न और सबसे बड़ी रियासत होना.लेकिन राजधानी के लिए ग्वालियर के नाम पर विरोध होना शुरू हो गया था.

ग्वालियर क्यों नहीं बन पाई एमपी की राजधानी ?


एक कारण ये भी था कि केंद्र सरकार नहीं चाहती थी कि देश के हृदय स्थल ग्वालियर में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां बढ़ें, इसलिए भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी बनाने का फैसला लिया गया. एक और कारण ये भी था कि जिस बंदूक से नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी वो ग्वालियर से मंगाई गई थी. जिसकी वजह से वल्लभ भाई पटेल ने ग्वालियर को राजधानी बनाने का विचार त्याग दिया.


ग्वालियर के नाम पर विरोध इतना बढ़ गया कि देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सामने आना पड़ा, नेहरू ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को देश की एकीकरण का जिम्मा सौंपा था. पटेल ने ग्वालियर का बढ़ता विरोध देखकर भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी के रूप में चुन लिया.

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