ग्वालियर।मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रही सर्दी के कारण कड़कनाथ मुर्गों की डिमांड भी काफी तेज हो गई है. ग्वालियर से कड़कनाथ मुर्गा की डिमांड मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली सहित तमाम राज्यों से आने लगी है. हालत यह हो गये हैं कि भारी डिमांड के चलते अब अलग-अलग राज्यों के लिए कड़कनाथ मुर्गों की वेटिंग शुरू हो गई है. ग्वालियर के कृषि विज्ञान केंद्र में स्थित कड़कनाथ मुर्गों का हेचरिंग सेंटर है. जहां अंडों से चूजे तैयार किए जाते हैं. उसके बाद अलग-अलग राज्यों में भेजे जाते हैं.
सर्दियों में बढ़ती है कड़कनाथ की डिमांड:बता दें कड़कनाथ मुर्गा को सर्दियों का इम्यूनिटी बूस्टर कहा जाता है. यही कारण है और कड़कनाथ मुर्गे का चिकन सर्दियों में काफी गर्म होता है. इसलिए सर्दियों में कड़कनाथ की डिमांड काफी बढ़ जाती है. राजमाता विजया राजे कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र में प्रदेश का दूसरा कड़कनाथ मुर्गों का हेचरिंग सेंटर है. जहां पर कड़कनाथ मुर्गी के अंडों से चूजे तैयार किए जाते हैं और यहां एक महीने में लगभग 2000 से अधिक चूजे तैयार होते हैं. जिन्हें डिमांड के अनुरूप दिया जाता है.
ग्रामीणों को दी जा रही मुर्गी पालन की ट्रेनिंग:कृषि विज्ञान केंद्र में कड़कनाथ मुर्गा हेचरिंग सेंटर के प्रभारी डॉक्टर जितेंद्र सिंह राजपूत का कहना है कि ग्वालियर का कृषि विज्ञान केंद्र साल 2016 से कड़कनाथ का उत्पादन कर रहा है. यहां पर झाबुआ से लाकर 200 चूजों की हैचरी बनाई गई थी. इसके बाद वह लगातार इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया की कड़कनाथ का उत्पादन बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गी पालन करने वाले ग्रामीणों को भी इसकी ट्रेनिंग दे रहे हैं, ताकि वह कड़कनाथ मुर्गों का पालन कर सकें, क्योंकि मध्य प्रदेश के अलावा अलग-अलग राज्यों में कड़कनाथ मुर्गों की डिमांड काफी बढ़ रही है. यह लोगों को चिकन के रूप में काफी बेहद पसंद आ रहा है.