मध्य प्रदेश

madhya pradesh

By

Published : May 18, 2021, 8:28 AM IST

ETV Bharat / state

सीएम को ज्ञापन नहीं दे सके पत्रकार ,नाराज होकर दी गिरफ्तारी

दतिया जिले में चार दिन पहले दो पत्रकारों के साथ पुलिस ने कथित तौर पर अभद्र व्यवहार किया. इस मामले में रविवार को ग्वालियर में पत्रकारों ने ज्ञापन देने के लिए सीएम शिवराज के काफिलों को रोकने की कोशिश की. मौके पर तैनात पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इससे नाराज पत्रकारों ने अपनी गिरफ्तारी दे दी.

Journalists gave their arrest
पत्रकारों ने दी अपनी गिरफ्तारी

ग्वालियर। रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के आगमन पर शहर के कुछ पत्रकारों ने सीएम के काफिले को रोकने की कोशिश की. वह सीएम को पुलिस के खिलाफ ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन रास्ते में पहले से तैनात पुलिस ने पत्रकारों को ऐसा करने से रोक दिया. इससे नाराज होकर पत्रकारों ने अपने गिरफ्तारी दे दी. बाद में उन्हें पुलिस वैन से डीआरपी लाइन भेज दिया गया. मामला चार दिन पहले दतिया जिले में दो पत्रकारों के साथ कथित रूप से पुलिस की अभद्र व्यवहार का था.

पत्रकारों ने सीएम के काफिले को रोकने की कोशिश की

कथित रूप से अभद्र व्यवहार की शिकायत
मिली जानकारी के मुताबिक 4 दिन पहले शहर के दो पत्रकार शिवम आर्य और अनूप चौहान दतिया जिले में गए हुए थे. वहां उनके साथ पुलिस ने कथित रूप से अभद्र व्यवहार किया. पत्रकारों का आरोप है कि दतिया पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर ने उनके साथ मारपीट की है, जिसके फोटोग्राफ भी उन्होंने उपलब्ध कराए थे. इससे पहले पत्रकारों ने चंबल रेंज के आईजी मनोज शर्मा को भी ज्ञापन दिया था और दतिया के उक्त सब इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

UP पुलिस पर हमला करने वाले बदमाशों की हुई पहचान, पार्षद सहित मामला दर्ज

पत्रकारों ने दी अपनी गिरफ्तारी

घटना के 4 दिन बीत जाने के बाद भी विवादित सब इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे नाराज पत्रकारों ने रविवार को ग्वालियर में सीएम के काफिले को मेला रोड के रामाया होटल के नजदीक रोकने की कोशिश की गई. इस दौरान पुलिस की मौजूदगी के चलते वह ऐसा नहीं कर सके. इससे गुस्साए पत्रकारों ने अपनी विधिवत गिरफ्तारी दे दी. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके डीआरपी लाइन भेजा दिया. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पत्रकारों ने इसके लिए कोई परमिशन नहीं ली थी. यदि उन्हें सीएम को ज्ञापन देना था, तो उसके लिए विधिवत परमिशन लेनी जरूरी थी. उन्होंने बताया कि कोरोना गाइडलाइन के चलते किसी को भी ना तो सीएम से मिलने की अनुमति दी गई है और ना ही कोई प्रतिनिधिमंडल सीएम की बैठक यानी कलेक्ट्रेट जा सका है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details