ग्वालियर। मुख्य चौराहों और सबसे व्यस्त इलाकों में लगे अवैध होर्डिंग (illegal billboards) से नगर निगम प्रशासन (नगर निगम प्रशासन) को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. मुख्य चौराहों और तिराहों पर होर्डिग्स लगाना प्रतिबंधित है लेकिन शहर के कंपू, महाराज, बाड़ा, फूलबाग, हजीरा, पड़ाव सहित 50 से ज्यादा स्थानों पर यह होर्डिग्स लगे हैं. अवैध होर्डिग्स को लेकर एक जनहित याचिका (public interest litigation) भी हाईकोर्ट (High Court) में लंबित है. नगर निगम ने इस पर हाईकोर्ट में करीब 6 महीने पहले अपने पेश किए गए जवाब में दावा किया था कि उसने 42 अवैध होर्डिंग्स को हटा दिया है. अवैध होर्डिंग्स के कारण नगर निगम को लगभग एक करोड़ रुपए का नुकसान हर महीने हो रहा है.
मिलीभगत से नहीं हो पाई प्रक्रिया
अफसरों की उदासीनता के चलते 2015 के बाद से अभी तक होर्डिंग्स को लेकर टेंडर प्रक्रिया (Tender Process) पूरी नहीं हो सकी है. पूरे शहर को 10 जोन में बांटा गया था अकेले थाटीपुर जोन की ही 65 लाख रुपए की निविदा आई थी. अफसरों और होर्डिंग्स के कारोबारियों के बीच मिलीभगत के चलते यह टेंडर प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी है. शहर की प्राइम लोकेशन पर होर्डिग्स का किराया तीस हजार से लेकर एक लाख रुपए प्रति माह बताया गया है. अवैध रूप से लगे होल्डिंग के कारण नगर निगम के अफसरों को तो लाभ हो रहा है. लेकिन निगम के राजस्व में लगातार हानि हो रही है.
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