ग्वालियर। शहर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पीछे पटेल नगर का एक भूखंड नगर निगम की गले की फांस बन गया है. वहीं इस विवादित भूखंड पर कोर्ट का स्टे है और जिसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर सीएम और मुख्य सचिव तक हो चुकी है. इसके बावजूद भूखंड का निर्माण होता रहा और अफसर सोते रहे.
ग्वालियर: कोर्ट के स्टे के बावजूद होता रहा अवैध निर्माण, सोते रहे नगर निगम अधिकारी
शहर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पीछे पटेल नगर का एक भूखंड नगर निगम की गले की फांस बन गया है. वहीं इस विवादित भूखंड पर कोर्ट का स्टे है और जिसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर सीएम और मुख्य सचिव तक हो चुकी है. इसके बावजूद भूखंड का निर्माण होता रहा और अफसर सोते रहे.
दरअसल, पटेल नगर स्थित एक भूखंड का विक्रय पत्र 2011 में कमल किशोर और सतीश पांडे ने रमेश यादव, इंदर सिंह, कल्याण सिंह, अतर सिंह, दामोदर सिंह और शकुंतला बाई से किया था. वहीं अतर सिंह और दामोदर ने फर्जी तरीके से इस भूखंड किसी सुरेन्द्र सिंह को बेच दिया था. जिसका मामला 1 अक्टूबर 2016 को जिला न्यायालय में पहुंचा. जहां एडीजे कोर्ट ने भूखंड को यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए. वहीं पहले खरीददार ने बार-बार नगर निगम में भूखंड निर्माण किए जाने और कोर्ट का हवाला देकर रोकने का प्रयास करते रहे. इसके बावजूद निर्माण कार्य रोका नहीं गया. इस भूखंड निर्माण कार्य के लिए न तो नगर निगम से मंजूरी ली गई और न ही कोर्ट के आदेश का पालन किया गया.
इस दौरान नगर निगम कमिश्नर ने अपनी नोट शीट में अंकित किया है कि महापौर ने निर्माण कार्य को अवैध ठहराया है. वहीं असल खरीददार भूखंड निर्माण कार्य को लेकर प्रधानमंत्री और सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करवा चुके हैं. मुख्य सचिव और भिंड सांसद भागीरथ प्रसाद भी इस निर्माण को लेकर तलब कर चुके है. लेकिन नगर निगम अधिकारी अभी भी आंख बंद कर सो रहे है. उन्होंने न ही जमीन पर अवैध निर्माण और न ही इसे बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है.