ग्वालियर। एक बार फिर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Father of the Nation Mahatma Gandhi) के हत्यारे नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) और नारायण आप्टे को लेकर हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha) चर्चा में है. बुधवार को हिंदू महासभा ने गोडसे का मंदिर ज्ञानशाला के बाद अब गोडसे बयान अध्ययन माला की शुरूआत ग्वालियर में की है. वह हिंदू महासभा अंबाला जेल की उस जमीन से मिट्टी लेकर आए हैं, जहां उनको फांसी दी गई थी. इस मिट्टी को हिंदू महासभा के भवन में रखा गया और पूजा अर्चना की गई. इस दौरान हिंदू महासभा भवन में एक बार गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के जिंदाबाद के नारे गूंजे. हिंदू महासभा ने ज्ञानशाला के बाद अब गोडसे बयान अध्ययन माला की शुरूआत पूरे विधि विधान से ग्वालियर में की गई. महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज का कहना है कि वह 3 दिन पहले हरियाणा के अंबाला के लिए निकले थे, यहां अंबाला में 15 नवंबर 1949 को गोडसे को साथी नारायण आप्टे के साथ महात्मा गांधी की हत्या के जुर्म में फांसी दी गई थी. हिंदू महासभा के नेताओं ने इसी जमीन से मिट्टी एकत्रित कर उसे यहां लाया है, साथ ही गोडसे बयान अध्ययन माला की शुरूआत की.
हिंदू महासभा का कहना है गोडसे के फांसी से पहले भारत विभाजन के प्रतिकार के रूप में दिए आखिरी बयान को जन-जन में प्रसारित किया जाएगा. महासभा के मुताबिक सोशल मीडिया के जरिए गोडसे के आखिरी बयान को लोगों तक पहुंचाएंगे. जिसमें उनका लक्ष्य एक करोड़ से ज्यादा लोगों को जोड़ने का है, वहीं गोडसे के मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी को घेर रही है. कांग्रेस का कहना है कि महासभा बीजेपी की बी टीम के रूप में काम कर रही है, जो गांधी के हत्यारे को महिमा मंडित कर रहे हैं. वहीं सरकार के मंत्री का कहना है इस मुद्दे पर प्रशासन और पुलिस अपना काम करेंगे.