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हाई कोर्ट ने 8 कलेक्टर, 3 प्रमुख सचिव सहित 30 अधिकारियों को भेजा नोटिस, ये है वजह

हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ग्वालियर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स, तीन विभागों के प्रमुख सचिव सहित 30 अधिकारियों को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा है.

High Court sent notice to 8 collectors including 30 officers and 3 principal secretaries
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ

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Published : Sep 23, 2021, 7:59 PM IST

Updated : Sep 23, 2021, 8:06 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले जिलों के कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त और राज्य सरकार के 30 अफसरों को नोटिस भेजा है. सड़क पर आए दिन हादसों का सबब बनने वाले आवारा मवेशियों को लेकर दायर जनहित याचिका दायर की गई है, साथ ही नगर निगम एवं नगर पालिका परिषद के उपेक्षा पूर्ण व्यवहार के चलते लोगों की बढ़ती परेशानी और सड़क हादसों के खिलाफ ये याचिका कोर्ट में दायर की गई है. हाई कोर्ट ने सभी अफसरों से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.

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तीन साल में 13000 कुत्तों के हमले

हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि ग्वालियर-चंबल संभाग के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में आवारा मवेशियों और कुत्तों के कारण न सिर्फ सड़क हादसे बढे़ हैं, बल्कि यातायात भी अवरुद्ध हो रहा है. नगर निगम और नगर पालिका की आवारा मवेशियों को पकड़ने की जिम्मेदारी है, लेकिन अफसरों के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण आवारा मवेशियों पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे न सिर्फ उनकी संख्या बढ़ रही है, बल्कि लोग अपनी जान से भी हाथ धो रहे हैं. पिछले 3 सालों के आंकड़े भी हाई कोर्ट में पेश किए गए हैं, जिसमें अकेले कुत्तों के कारण हमले के 13000 मामले ग्वालियर संभाग में रिकॉर्ड किए गए हैं.

8 कलेक्टर सहित 30 अधिकारी हाई कोर्ट में तलब

कोर्ट ने ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुर के कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त, नगर पालिका परिषद और जिला पंचायत के सीईओ सहित 30 अधिकारियों को नोटिस जारी किया है, याचिका में कहा गया है कि गायों के गोबर की वजह से गली-मोहल्लों और सड़कों पर गंदगी की स्थिति निर्मित हो जाती है. आवारा गायों की अधिकता के कारण किसानों की फसलें भी चौपट होने की शिकायतें लगातार मिल रही है.

तीन विभागों के प्रमुख सचिव को भी मिला नोटिस

प्रदेश सरकार ने गायों के संरक्षण के लिए कानून तो बना दिया है, लेकिन उनके नियंत्रण और कल्याण में सरकार अपनी भूमिका सही तौर पर नहीं निभा पा रही है. आवारा मवेशियों की संख्या इतनी है कि वह गौशाला में भी नहीं रह पा रही हैं. अकेले ग्वालियर में 6000 से ज्यादा आवारा गायें सड़कों पर घूमती हैं. कुत्तों की नसबंदी को लेकर भी याचिका में चिंता जताई गई है. कोर्ट ने ग्रामीण विकास, कृषि मंत्रालय और नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को भी नोटिस जारी किया है.

Last Updated : Sep 23, 2021, 8:06 PM IST

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