ग्वालियर।गुना के आरोन इलाके से 15 साल की लड़की 2017 में अचानक अपने घर से लापता हो गई थी. इस मामले में पिता ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. तीन बार एसआईटी के गठन के बावजूद लड़की को पुलिस नहीं खोज पाई.
आरोपी ने स्वीकारा- मैंने किया रेप व मर्डर :इस बीच 2020 में लड़की को गायब करने के मामले में संदिग्ध सोनू ने स्वीकार किया था कि उसने ही लड़की को दुष्कर्म के बाद मार दिया और उसकी लाश को जमीन में गाड़ दिया है, जबकि पुलिस इस मामले में लगातार कोर्ट को जवाब देती रही कि नाबालिग को ढूंढा जा रहा है. इस मामले में हाईकोर्ट ने डीजीपी से भी जवाब मांगा था. उन्होंने भी लड़की को ढूंढ़ने की बात बताई थी.
क्या कर रहे हैं आईजी व एसपी :हाईकोर्ट ने कहा कि जब आरोपी ने स्वीकार कर लिया कि लड़की को मारने के बाद गाड़ दिया है और पुलिस सफाई दे रही है कि लड़की को ढूंढा जा रहा है. यह मूर्खता की पराकाष्ठा है. एसपी,आईजी मुख्यालय पर बैठकर क्या कर रहे हैं. क्या उन्हें पुलिस थानों में जाकर वहां लंबित मुकदमों के बारे में समीक्षा नहीं करनी चाहिए. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
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हाई कोर्ट ने आईजी को तलब किया :कोर्ट ने कहा कि अफसरों पर सरकार करोड़ों रुपए वेतन के रूप में खर्च कर रही है. यदि यही बच्ची किसी हाई प्रोफाइल परिवार से होती तो क्या पुलिस का रवैया यही रहता. इस तरह की टिप्पणी हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान की. अब इस मामले में शुक्रवार को आईजी को अपना जवाब पेश करना है. (High Court strict remarks on police) (This is height of stupidity) (What doing IG and SP)