ग्वालियर। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों के बीच चल रहे विवाद के बाद कार्यकारिणी भंग कर दी गई है. राज्य अधिवक्ता परिषद एवं वरिष्ठ अभिभाषकों से हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद भारद्वाज ने कार्यकारिणी को भंग करने की सिफारिश की थी. जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया. अब हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के कामकाज का संचालन तदर्थ समिति द्वारा किया जाएगा.
बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी भंग इसमें अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी सहित स्टेट बार काउंसिल के चारों सदस्य जय प्रकाश मिश्रा, प्रेम सिंह भदौरिया, राजेश शुक्ला और जितेंद्र शर्मा शामिल होंगे. अब तदर्थ समिति ही अभिभाषकों को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर फैसला करेगी और पूर्व में दी गई मदद की भी समीक्षा करेगी. इससे पहले 4 सितंबर को बार एसोसिएशन के सचिव पवन पाठक के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करके कार्यकारी सचिव बृजेंद्र तोमर ने उन्हें पद से हटा दिया था.
बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी भंग इसे लेकर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं में मंगलवार को एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी कर जमकर मारपीट की. जिसके बाद दोनों पक्षों ने थाने पहुंचक मामला दर्ज कराया था. वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने इसे बार की मर्यादा के खिलाफ बताया और अध्यक्ष विनोद भारद्वाज की कार्यकारिणी भंग करने की सिफारिश को मंजूर कर लिया. गुरुवार को स्टेट बार काउंसिल के चारों सदस्य, तीनों अतिरिक्त महाधिवक्ता सहित पूर्व कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने इस पर अपने हस्ताक्षर कर सहमति दे दी. इस कार्यकारिणी का कार्यकाल 19 जनवरी को समाप्त हो रहा था, लेकिन विवादों के कारण इसे 2 महीने पहले ही भंग कर दिया गया. फिलहाल नए बार एसोसिएशन का चुनाव कोविड-19 के चलते टलने के आसार हैं.