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निकाय चुनाव: पूर्व घोषित आरक्षण पर हाईकोर्ट की रोक - नया आरक्षण रोटेशन

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आगामी दिनों में प्रस्तावित स्थानीय निकाय के चुनाव में आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार द्वारा घोषित पूर्व नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी है.

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हाईकोर्ट

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Published : Mar 13, 2021, 8:50 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आगामी दिनों में प्रस्तावित स्थानीय निकाय के चुनाव में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए नगर निगम महापौर ,नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार द्वारा घोषित पूर्व नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने सरकार को सलाह दी है कि अगर वह चुनाव कराना चाहती है तो इन वर्गों के लिए आरक्षित सीटों पर रोटेशन प्रक्रिया का पालन करके ही वह चुनाव करा सकती है.

अंकुर मोदी, अधिवक्ता


आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक


इससे पहले ग्वालियर के डबरा नगर पालिका अध्यक्ष पद पर आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी. वहीं दतिया जिले के इंदरगढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए आरक्षित अनुसूचित जाति वर्ग के निर्वाचन पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यहां दो दशकों से भी ज्यादा समय से एक ही वर्ग के लिए अध्यक्ष का पद आरक्षित किया जा रहा है. यह नगरपालिका अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है, क्योंकि समाज के अन्य वर्गों को इन सीटों पर प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है. इसी के परिपालन में मानवर्धन तोमर नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी और प्रदेश भर में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित महापौर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की थी.


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इस पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की थी शनिवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. जिसमें कहा गया है कि स्थानीय निकाय के चुनाव में रोटेशन प्रक्रिया का पालन करके सरकार चुनाव कराए. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार स्थानीय निकाय की चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है. वहीं चुनाव आयोग जल्द ही तिथियों की घोषणा करने वाला है. ऐसे में कोर्ट के नए आदेश से यह प्रक्रिया कुछ समय के लिए और टल सकती है. क्योंकि अब पहले जारी नोटिफिकेशन में बदलाव करके ही निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं.

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