ग्वालियर।हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में भिंड में सिंध नदी पर रेत के अवैध खनन को लेकर याचिका लगाई गई थी. जिस पर आज सीजेएम की निरीक्षण रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई. हाई कोर्ट ने अवैध खनन को लेकर भिंड के सीजेएम को निर्देश किया था कि वह खदानों पर जाकर भौतिक सत्यापन करें. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना है कि सीजेएम को करीब 10 खदानें अवैध रूप से संचालित होते हुए मिली है. जबकि कुछ खदानों पर वह नहीं जा सके. उन्हें पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं मिल सकी थी वहीं कुछ खदानों के लिए तो रास्ते तक नहीं है.
सिंध नदी में रेत के अवैध खनन को लेकर ग्वालियर खंडपीठ में सुनवाई
ग्वालियर खंडपीठ में अवैध रेत उत्खनन मामले में सुनवाई हुई. सुनवाई में भिंड सीजेएम की निरीक्षण रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई. जिस पर अगली सुनवाई 9 फरवरी तय की है.
दरअसल जितेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने भिंड में सिंध नदी के किनारे अवैध रेत खनन को लेकर जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि सिंध नदी के आसपास 18 खदानें हैं. इनमें अधिकांश खदाने अवैध रूप से संचालित की जा रही है. तीन 3 खदानों पर अवैध उत्खनन पाया गया है. रास्ता नहीं होने से कुछ खदानों का निरीक्षण नहीं हो सका है. कुछ खदानों पर उत्खनन सही पाया गया है अब इस मामले में 9 फरवरी को सुनवाई होगी.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना है कि नदी में धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है. जिससे नदी के अस्तित्व को भी खतरा है. नियम अनुसार नदी के पानी से 200 मीटर दूरी से खनन होना चाहिए लेकिन सिंध नदी में रेत माफिया पानी के अंदर से खनन कर रहे हैं और उसके अस्तित्व को खतरा पैदा कर रहे हैं. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना है कि अवैध रूप से 200 ट्रक बजरी निकाली जा रही है. हाई कोर्ट में पेश इस रिपोर्ट पर अब अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी.