ग्वालियर। जबलपुर हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक बार फिर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह पर गबन का इल्जाम में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ नियम विरुद्ध रासुका की कार्रवाई करने को गंभीरता से लिया है. ग्वालियर खंडपीठ ने खाद्यान्न वितरण के गबन के मामले में पकड़े गए मुरैना के मुन्नालाल अग्रवाल और उनके रिश्तेदार डबरा रहने वाले राहुल अग्रवाल के खिलाफ कलेक्टर द्वारा आधिरोपित की गई रासुका की कार्रवाई को ना सिर्फ निरस्त कर दिया है, बल्कि कलेक्टर के ऊपर 10-10 हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया है. यह राशि कलेक्टर को डिजिटल पेमेंट के जरिए एक महीने के भीतर भुगतान करनी होगी.
अमानत में खयानत का मामला
नवंबर 2020 में खाद्य निगम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों पर खाद्यान्न भेजने में करोड़ों का घोटाला करने का आरोप में मुन्ना लाल अग्रवाल और राहुल अग्रवाल के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई की थी. क्योंकि एफसीआई का अनुबंध मुन्ना लाल अग्रवाल और उनके सहयोगी कंपनी ने किया था. यह पूरा कारोबार मुन्नालाल के भांजे राहुल अग्रवाल देखते थे. पता चला है कि आरोपियों ने खाद्यान्न को संबंधित दुकानों पर ना भेजकर उसे बाजार में बेच दिया. इसी आधार पर भोपाल से मिली एक टिप के आधार पर मुन्ना लाल अग्रवाल और उनके भांजे के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम और अमानत में खयानत का मामला ग्वालियर के झांसी रोड थाने में दर्ज किया गया था.
कारोबारी को HC से राहत, रासुका की कार्रवाई को कोर्ट ने किया निरस्त