ग्वालियर।पूर्व मुख्यमंत्री और तेजतर्रार भाजपा नेता उमा भारती ने उत्तराखंड के जोशीमठ में हुए भूस्खलन को लेकर सरकारी तंत्र और सरकारों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि, वे जब गंगा नदी प्रोजेक्ट को मंत्री के रूप में देख रही थी. तब उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि, गंगा नदी या उससे जुड़ी सहायक नदियों के किनारे कोई भी बड़ा पावर प्रोजेक्ट नहीं लगाया जाए. यदि पावर प्रोजेक्ट लगाने ही है तो वह छोटे स्तर के लगाए जाएं. जिनमें 5 या 10 मेगावाट बिजली बन सके. इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और पावर समस्या भी दूर होगी, लेकिन अंधाधुन्ध पावर प्रोजेक्ट लगाकर पहाड़ों के नीचे से टनल निकालना यह अब पर्यावरण विदों सहित अफसरशाही और सरकारों को अब समझ में आ रहा है.
मानव जीवन से खिलवाड़:उमा ने कहा कि, जोशीमठ सहित हिमालय की सीमा में लाखों साल पुराने कच्चे पहाड़ हैं. इनके नीचे से सुरंग बनाना मानव जीवन से एक तरह से खिलवाड़ है. उन्होंने कहा कि खनन माफिया, पावर जनरेशन माफिया एवं शराब माफिया देश को बर्बाद कर रहे हैं. अल्प प्रवास पर रविवार को ग्वालियर आईं उमा भारती ने मुरार स्थित लाल टिपारा गौशाला का निरीक्षण कर इसे सर्वोत्कृष्ट गौशाला बताया. सरकारी गौशालाओं की दुर्दशा के जवाब में कहा कि जब भी नई गौशाला खोलनी हो तो उसमें गायों को कमाई का जरिया नहीं समझा जाए. बल्कि उनकी सेवा का भाव रखने के बाद ही प्रबंधन समिति को सौंपा जाए. यदि ऐसा नहीं करते हैं तो गौशाला में आने वाली अधिकांश बीमार और विभिन्न समस्याओं से पीड़ित गायों की स्थिति और ज्यादा बदतर होगी. सरकार एवं उसकी गौशालाओं पर सवाल उठ खड़े होंगे.