पति का बंटवारा! 3-3 दिन तक दोनों पत्नियों के साथ रहेगा पति, संडे को रहेगा आजाद - ग्वालियर कुटुंब न्यायालय
एमपी के ग्वालियर से अब एक पति के अनोखे बंटवारे की खबर सामने आई है. दरअसल 1 पति और 2 पत्नी के बीच कुटुंब न्यायालय ने समझौता कराते हुए कहा है कि अब से पति हफ्ते में दोनों पत्नियों के साथ 3-3 दिन रहेगा, साथ ही रविवार का दिन उसकी मर्जी का होगा कि उसे किस पत्नी के साथ रहना है.
पति का बंटवारा
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Published : Mar 14, 2023, 6:49 AM IST
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Updated : Mar 14, 2023, 9:51 AM IST
पति का बंटवारा
ग्वालियर।अभी तक आपने परिवारों में जमीन-जायदाद और सोने-चांदी को बंटवारे की कहानी सुनी है, लेकिन ग्वालियर में एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे. जी हां कुटुंब न्यायालय में यह बंटवारा दो पत्नी और एक पति के बीच हुआ है. समझौता यह हुआ है कि पति सप्ताह में 3 दिन एक पत्नी के साथ रहेगा और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा, इसी के साथ संडे को पति की मर्जी है कि वह दोनों पत्नियों में से कहीं भी रह सकता है.
यह पूरा मामला:दरअसल पति हरियाणा में एक मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर है और उसकी 2018 में एक महिला के साथ शादी हुई और शादी के बाद वह एक दूसरे के साथ रहे, लेकिन साल 2020 में कोरोना काल के समय जब लॉकडाउन लगा तो उसके बाद पति ने अपनी पत्नी को छोड़ने के लिए उसके मायके ग्वालियर में आया और उसके बाद उसी मायके छोड़कर फिर दोबारा हरियाणा पहुंच गया. कोरोना काल के बाद अपनी पत्नी को लेने तक नहीं आया, इसी बीच पति के संबंध कंपनी में काम करने वाली एक महिला के साथ बन गए और उसके बाद पति ने महिला के साथ दूसरी शादी कर ली.
जब पहली पत्नी ग्वालियर में अपने मायके में पति का इंतजार कर रही थी, लेकिन जब उसका सब्र टूटा तो खुद पति की कंपनी में पहुंच गई तो उसके बाद उसे पता लगा कि पति ने कंपनी में काम करने वाली किसी महिला के साथ दूसरी शादी कर ली है. उसके बाद दोनों में विवाद होने लगा और विवाद के बाद पत्नी ने इसकी शिकायत ग्वालियर के कुटुंब न्यायालय में की. पत्नी ने शिकायत की उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है, इसलिए भरण-पोषण के लिए उसे न्याय चाहिए. इसके बाद यह मामला कुटुंब न्यायालय में काउंसलर हरीश दीवान के पास पहुंच गया, उसके बाद इस केस की काउंसलिंग की गई.
अब पति करेगा दोनों पत्नियों का भरण पोषण:काउंसलर हरीश दीवाने बताया है कि "महिला के पति से मैंने बातचीत की और उसके बाद यह मामला लगभग 6 महीने तक ऐसे ही चलता रहा, बाद में दोनों पत्नी और पति को काउंसलिंग के लिए कुटुंब न्यायालय बुलाया गया और तीनों को बैठाकर बातचीत की गई तो उसका समाधान निकल आया. काउंसलिंग के द्वारा यह तय हुआ कि पति 3 दिन तक एक पत्नी के साथ रहेगा और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा ,वहीं और संडे के दिन पति पूरी तरह फ्री रहेगा यानि कि वह अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी पत्नी के साथ रह सकता है. इस निर्णय के बाद दोनों पत्नी और पति बेहद खुश है, साथ ही इसे समझौता के साथ पति ने दोनों पत्नियों को एक-एक फ्लैट भी दिया है और दोनों का भरण पोषण वह खुद करेगा."