ग्वालियर। स्वर्ण रेखा नदी के सौंदर्यीकरण को लेकर हाईकोर्ट में लंबित जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान एक बार फिर नगर निगम एवं नगरीय प्रशासन के अधिकारियों को कोर्ट की नाराजगी से रूबरू होना पड़ा. दरअसल कोर्ट में पेश हुए निगम कमिश्नर हर्ष सिंह ने बताया कि स्वर्णरेखा नदी के बगल से सीवर की ट्रंक लाइन बिछाई जा रही है. इसका अमृत भाग 2 योजना से कोई लेना-देना नहीं है.ये योजना लगभग साढे़ छह सौ करोड़ रुपये की है.
हलफनामा को लेकर फटकार
नगर निगम कमिश्नर ने कोर्ट में जानकारी दी कि इस योजना को लेकर भोपाल में नगरीय प्रशासन कमिश्नर की देखरेख में एक बैठक भी आयोजित हो रही है. लेकिन बैठक के बारे में जब जानकारी ली गई तो यह अमृत योजना भाग 2 के संबंध में थी.इधर नगरीय प्रशासन की ओर से जब पेश किए गए हलफनामे को बारीकी से कोर्ट ने देखा तो इसमें स्थानीय कार्यपालन यंत्री सिंचाई विभाग के हस्ताक्षर थे. जब उन्हें तलब किया गया तो उन्होंने बताया कि उनसे यह हलफनामा दिलवाया गया है उन्हें योजना के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. इस पर कोर्ट ने गुमराह करने का आरोप लगाते हुए निगम कमिश्नर को जमकर फटकार लगाई.