ग्वालियर।क्या किसी मजबूर को इतना प्रताड़ित करना चाहिए कि उसका इस जीवन से मोह ही भंग हो जाए... जी हां ग्वालियर के घाटीगांव थाना क्षेत्र के धुआं गांव में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसमें दबंगों की प्रताड़ना से एक दलित मजदूर इतना आहत हुआ कि उसने अपने कमरे में आत्महत्या कर ली. खास बात यह है कि इस मजदूर मुकेश जाटव ने अपने ग्वालियर में रहने वाले भांजे अजय को मरने से पहले फोन किया. जिसमें उसने बताया कि वह अपने साथी मजदूरों बहादुर मंटोली और बल्ली के साथ मजदूरी करने राई गांव के सरपंच साहब सिंह के यहां गया था. जहां उसकी बेरहमी से मारपीट की गई. इस घटना से वह इतना आहत हुआ है कि अब वह जीना नहीं चाहता.
सुसाइड से पहले रिकार्डिंग की कही बात:अपने भांजे अजय को फोन करते समय उसने यह नहीं बताया कि वह आत्महत्या कर रहा है, लेकिन वह यह कहता रहा कि मेरे फोन को रिकॉर्ड कर लेना और साहब सिंह सोनू और कल्लू के नाम से पुलिस में रिपोर्ट लिखा देना. वह बार-बार यही कहता रहा कि फोन रिकॉर्ड करने के बाद इस रिकॉर्डिंग को पुलिस के हवाले कर देना. फोन पर मुकेश जाटव यह कहते भी सुना जा रहा है कि वह अपने साथी बल्ली बहादुर और मंटोली के साथ मजदूरी करने गया था. वहां से लौटते समय एक होटल पर उसके साथ मारपीट की गई है. वह किसी तरह भाग कर आया है. रास्ते में उसने किसी रिश्तेदार से मिलने का भी अपनी बातचीत में जिक्र किया है.