ग्वालियर।लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में पिछले 5 सालों के दौरान सरकारी धन का गलत इस्तेमाल होने की शिकायत खुद सरकार के वित्त विभाग ने अपने ऑडिट के दौरान पकड़ी है. इस मामले में पीएचई विभाग के अधिकारियों की एक टीम बनाकर सप्ताह भर के भीतर इसकी रिपोर्ट सरकार ने तलब की है. करीब साढ़े 16 करोड़ रुपये की राशि का गबन 70 से ज्यादा फर्जी खातों के जरिए किया गया है. इस पूरे घटनाक्रम में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत साफ तौर पर नजर आ रही है. मामला आयुक्त कोष एवं लेखा द्वारा गठित स्टेट सर्विलेंस टीम ने पकड़ा है. इसके बाद वित्त विभाग ने संयुक्त संचालक वित्त की देखरेख में जांच करने के निर्देश जारी किए हैं.
ग्वालियर के पीएचई विभाग में स्कैम:ग्वालियर के पीएचई विभाग के अधीक्षण यंत्री वीके छारी ने 5 सदस्यों की टीम का गठन किया है. इसमें संभागीय लेखा अधिकारी राजेंद्र मीणा, वीरेंद्र सिंह पाल, आरसी मिश्रा, बृजेंद्र यादव को नामित किया गया है. मुख्य अभियंता आरएलएस मौर्य ने इस मामले में संधारण खंड क्रमांक एक में हुए घोटाले के बाद परिक्षेत्र के सभी कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश जारी किए हैं कि वह अपने कार्यालय में पिछले 5 सालों में हुए भुगतान की जांच करें और इसका प्रतिवेदन भी उन्होंने तलब किया है. पता चला है कि वेतन और एरियर के आहरण से जुड़े महत्वपूर्ण और जिम्मेवारी वाले कार्य में विभागीय अधिकारियों ने बाहर के व्यक्तियों को काम पर लगा रखा था. उनका वेतन भुगतान भी संबंधितों द्वारा निजी स्तर पर किए जाने की खबर है. सरकारी महकमे में निजी लोगों से कार्य इन लोगों ने लिया और किस तरह से उन्हें भुगतान किया. इसका जांच रिपोर्ट में ही खुलासा हो सकेगा.
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