NHM Paper Leak मामले में सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार, गैंग के सभी सदस्यों की काली कमाई रखता था अपने पास
मध्यप्रदेश में एनएचएम नर्स भर्ती परीक्षा लीक मामले में ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने एक सब इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है. सब इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह तोमर, गैंग के सभी सदस्यों की मदद करता था. साथ ही जो पैसा आता था उसे सब-इंस्पेक्टर के खाते में जमा किया जाता था. बता दें कि इस मामले में अब तक 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
मध्यप्रदेश एनएचएम नर्स भर्ती परीक्षा
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Published : Apr 5, 2023, 3:49 PM IST
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश दंडोतिया
ग्वालियर। मध्यप्रदेश में एनएचएम नर्स भर्ती परीक्षा के मामले में एक के बाद एक नए खुलासे सामने आ रहे हैं. अब ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस ने इस मामले में सब इंस्पेक्टर को पकड़ा है. बताया जा रहा है कि इस मामले में आरोपियों ने पेपर को करने के बाद जो पैसा आया था, उस पैसे को इस सब-इंस्पेक्टर के खाते में जमा कराया था. आरोपी सब इंस्पेक्टर का नाम शैलेंद्र सिंह तोमर बताया जा रहा है. इस सब इंस्पेक्टर को इंदौर में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से गिरफ्तार किया गया है, आरोपी से पूछताछ की जा रही है.
अब तक 16 आरोपी गिरफ्तार:बता दें कि पेपर लीक मामले में एक के बाद एक आरोपियों को राउंडअप किया जा रहा है. अभी तक इस मामले में 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि यह सब इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह तोमर, गैंग के सभी सदस्यों की मदद करता था. साथ ही जो पैसा आता था उसे सब-इंस्पेक्टर के खाते में जमा किया जाता था. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश दंडोतिया ने बताया है कि ''सब इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह तोमर की गैंग के सदस्यों के साथ दोस्ती थी और वह बहुत पहले से ही इस मामले में जुड़ा हुआ है.''
सब इंस्पेक्टर के खाते में जमा कराए लाखों रुपए:गैंग के मास्टरमाइंड तरुणेश ने पुलिस को बताया कि ''सब इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह उनके इस धंधे में साथी था. जब यह पेपर लीक हुआ था तो उसकी पूरी जानकारी सब इंस्पेक्टर को थी. इस दौरान इस गैंग के सभी सदस्य ग्वालियर में मौजूद थे. उसकी भी जानकारी सब इंस्पेक्टर के पास थी और वह लगातार हर अपडेट पर नजर रखा था.'' बताया जा रहा है कि सब इंस्पेक्टर के खाते में लाखों रुपए का टर्नओवर है, इसकी पड़ताल की जा रही है.
मुंबई की पर्चा बनाने वाली कंपनी की मिलीभगत: गौरतलब है कि इस मामले में ग्वालियर पुलिस जांच करते हुए यूपी, दिल्ली, भोपाल आदि शहरों से कुल 16 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी कर चुकी थी. जांच में खुलासा हुआ है कि इस मामले में पर्चा बनाने वाली मुंबई की एक कंपनी की मिलीभगत शामिल थी. इसलिए कुछ लोगों को मुंबई से भी गिरफ्तार किया गया था. पकड़े गए आरोपियों में से आठ लोगों द्वारा पैसों का ट्रांजेक्शन किया था. इस मामले को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश दंडोतिया का कहना है कि ''सब इंस्पेक्टर और गैंग के सदस्यों में काफी अच्छी दोस्ती है और यही कारण है कि जो काली कमाई का पैसा आता था उसे छुपाने के लिए सब इंस्पेक्टर के खाते में भेजा जाता था और उसके बाद सब की हिस्सेदारी होती थी. इस मामले में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.''