ग्वालियर।जिला न्यायालय के एमपी एमएलए कोर्ट ने भाजपा नेता एवं राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त नरेंद्र बिरथरे को बड़ी राहत प्रदान की है. कोर्ट ने उन्हें शासकीय कार्य में बाधा डालने एवं कोलाहल नियंत्रण अधिनियम की धारा 5 के उल्लंघन के आरोप से दोषमुक्त कर दिया है. दरअसल, मामला अक्टूबर 2018 का है. कुछ दिनों बाद ही मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने थे. इससे पहले पोहरी कस्बे के ब्लॉक कॉलोनी में नरेंद्र बिरथरे द्वारा माता के जागरण का आयोजन किया गया था. जिसमें डीजे बजाया जा रहा था.
पुलिस से हुई थी नोकझोंक :इस मामले में स्थानीय लोगों की आपत्ति के बाद पुलिस उपनिरीक्षक संजीव पवार वहां पहुंचे थे और उन्होंने आयोजकों से डीजे बंद करने को कहा. इस पर पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता नरेंद्र बिरथरे से सब इंस्पेक्टर संजीव पवार और तत्कालीन टीआई सुरेंद्र सिकरवार से नोकझोंक हो गई. यह घटना 17 अक्टूबर 2018 की है. लेकिन पुलिस ने 2 दिन बाद 19 अक्टूबर 2018 को भाजपा नेता नरेंद्र बिरथरे और उनके समर्थक शाहिद खान के खिलाफ मध्यप्रदेश कोलाहल अधिनियम की धारा 5 और 353 शासकीय कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज किया.