ग्वालियर। आर्य समाज मंदिर में हुई एक और शादी अदालत के दरवाजे पर पहुंच गई है. मामला ग्वालियर जिले के डबरा का है. जहां एक पिता ने अपनी बेटी के नाबालिग होने का दावा करते हुए उसकी शादी को अवैध बताया है. वहीं, विवाहित बेटी का कहना है कि वह बालिग हो चुकी है और उसकी शादी पूरी तरह वैधानिक है. अब कोर्ट ने पुलिस को आर्य समाज की वैधता और विवाहिता की उम्र की जांच करने के निर्देश दिए हैं.
Gwalior High Court महिला ने खुद बनाया अपने साथ हुए रेप का वीडियो, हाई कोर्ट ने जताया आश्चर्य
शादी कानूनी रूप से मान्य नहीं :दरअसल, डबरा निवासी योगेश ने एक युवती से आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह किया था. शादी के बाद लड़की पिता का घर छोड़कर योगेश के घर रहने आ गई. पिता ने इस विवाह के अवैध होने की दलील देते हुए हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दी. उन्होंने दलील दी कि उनकी बेटी नाबालिग है इसलिए उसकी शादी कानूनी रूप से मान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि योगेश और उसके अन्य साथियों ने जबरन यह शादी कराई है और उनकी बेटी को बंधक बनाकर रखा गया था.
MP: हाई कोर्ट के आदेश के बाद नाबालिग का हुआ गर्भपात, यौन उत्पीड़न की शिकार हुई थी बच्ची
विवाहिता ने खुद को बताया बालिग :योगेश ने भी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अपनी पत्नी के पिता पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. योगेश का कहना है कि वह आर्य समाज मंदिर में लड़की से शादी कर चुका है और उसकी पत्नी बालिग है. पत्नी के पिता उसे ससुराल नहीं भेजना चाहते हैं. उधर, विवाहिता का भी कहना है कि उसकी जन्मतिथि जुलाई 2003 की है लिहाजा वह बालिग है. जबकि पिता का कहना है कि लड़की की आयु 16 साल से कुछ ही ज्यादा है. उसका जन्म अगस्त 2006 का है लिहाजा वह नाबालिग है और अपने अच्छे-बुरे फैसले करने में सक्षम नहीं है. हालांकि, लड़की कोर्ट के सामने अपने माता-पिता के घर जाने से इनकार कर चुकी है. उसे कोर्ट के निर्देश पर वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया है.
उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे :मामले में हाई कोर्ट ने लड़की की वास्तविक जन्मतिथि और आर्य समाज संस्था की वैधता के बारे में डबरा पुलिस को निर्देशित किया है. डबरा पुलिस को निर्देश जारी हुए हैं कि वह एक सप्ताह के भीतर यह बताए कि जिस आर्य समाज संस्था के माध्यम से योगेश द्वारा लड़की से शादी करना बताया जा रहा है, वह वैध है अथवा अवैध. इसके साथ ही पुलिस लड़की के बालिग और नाबालिग होने संबंधी दस्तावेज भी पेश करे. इसकी जिम्मेदारी सब इंस्पेक्टर संजू यादव को सौंपी गई है. मामले की एक सप्ताह बाद सुनवाई होगी.