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ग्वालियर नगर निगम: 1290 करोड़ रुपए का बजट पेश, नवाचार पर जोर

ग्वालियर नगर निगम 2021- 22 का बजट निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने पेश किया, जो एक अप्रैल से प्रभावी भी हो गया है.

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Published : Apr 1, 2021, 8:44 AM IST

Gwalior Municipal Corporation
ग्वालियर नगर निगम

ग्वालियर। नगर निगम 2021- 22 का बजट निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने पेश कर दिया है. लगभग 1290 करोड़ रुपए का बजट संभागायुक्त और प्रशासक आशीष सक्सेना के समक्ष पेश किया गया. प्रशासक की मंजूरी के साथ ही एक अप्रैल से लागू करने की सहमति भी दे दी गई है. बजट में निगम की आय बढ़ाने के लिए नवाचार की तरफ सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है. साथ ही अब नगर निगम टैंकर की जगह बोतल में पानी की सप्लाई करेगा. निगम इसका कम से कम पैसा लेगा.

बजट निगम आयुक्त शिवम वर्मा

इस बजट में निर्माण कार्यों में बोरिंग और जलाशयों के पानी की जगह सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट होने वाले पानी को बेचने की योजना है. निगम में अभी संपत्ति कर जलकर सहित अन्य करों को भरने के लिए अलग-अलग आईडी बनती है. प्रशासन का कहना है कि सभी करों की एक ही आईडी बनाई जाए, इससे शहरवासियों को सहूलियत मिलेगी.

आदर्श गौशाला में बिजली बनाने का प्लान
नगर निगम गौशाला के ऊपर 15 करोड़ की राशि हर साल खर्च करता है, वहां से कुछ आय होने लगे, इसके लिए गाय के गोबर से बिजली बनाने का प्लान तैयार किया जाएगा. इसमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन सहयोग कर सकता है. अभी गौशाला में दूध की बिक्री ठेकेदार से कराई जाती है. प्रशासक ने कहा है कि इसका टाइगर ग्वालियर दुग्ध संघ से कराया जाएगा.

ऐसी होगी आय बढ़ाने की कोशिश

  • तरुण पुष्कर को थर्ड पार्टी को दिया जाए, इससे हर साल 83 निगम को मिलेगी.
  • पेड़ों को काटने के लिए रसीद 50 की जगह 1000 की जाए. इसके साथ ही पहले 10 पेड़ों को संबंधित से लगवाया जाए.
  • सीवर ट्रीटमेंट से ट्रीट पानी निर्माण कार्य के लिए टैंकरों के माध्यम से भेजा जाए. ठेकेदारी खत्म कर ऑनलाइन सिस्टम अपनाएंगे.
  • नगर निगम के संग्रहालय और चिड़ियाघर की बुकिंग ऑनलाइन की जाएगी.
  • सामुदायिक भवनों की बुकिंग भी ऑनलाइन होगी.
  • हॉकर्स की कार्ड बनाई जाए. उनसे हर रोज पर्ची की जगह ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा.
  • स्वास्थ्य संबंधी और स्वच्छता- 40 लाख.
  • वाहनों में पेट्रोल डीजल- 18 करोड़.
  • मशीनों की देखभाल- 4 करोड़.
  • जनकार्य - 200 करोड़ से अधिक.
  • सीवर संसाधन - 9 करोड रुपए.
  • पेय जल अमृत योजना - 250 करोड से अधिक.
  • जलकर जो 150 रुपए था उसे बढ़ाकर अब 300 रुपए कर दिया है.

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