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मेडिकल के छात्रों को प्रैक्टिकल के लिए नहीं मिल रही डेड बॉडी, कॉलेज प्रबंधन ने चलाया विशेष अभियान

ग्वालियर के गजराराज मेडिकल कॉलेज के छात्रों को डेड बॉडी न मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मेडिकल प्रबंधन देहदान सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर लोगों को देहदान के लिए प्रेरित कर रहा है. सा

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Published : Jul 9, 2019, 4:35 PM IST

ग्वालियर। देहदान न होने से गजराराजा मेडिकल कॉलेज के छात्रों को प्रैक्टिकल करने में परेशानी आ रही है. जिसके चलते मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने देहदान को बढ़ावा देने के लिए विशेष तरह का अभियान चलाया है.

मेडिकल प्रबंधन देहदान सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर लोगों को देहदान के लिए प्रेरित कर रहा है. साथ ही विश्वविद्यालय के डीन भरत जैन का कहना है, कि जो व्यक्ति देहदान करेगा. उसे दधीचि सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. डीन का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को देहदान के लिए समझाना बहुत मुश्किल है. इसके लिए जरूरी है कि उसके संपर्क वाला व्यक्ति उसे देहदान के लिए प्रेरित करे.

छात्रों को नहीं मिल रही डेड बॉडी

वहीं छात्रों का कहना है की एनाटॉमी डिपार्टमेंट में मृत शरीर ना होने से प्रैक्टिकल में काफी परेशानी होती है. एक बॉडी पर 20 से 25 छात्र रिसर्च करते हैं. ऐसे में बॉडी की कमी होने के चलते छात्र पढ़ाई के दौरान रिसर्च नहीं कर पाते हैं. कॉलेज में अभी रिसर्च के लिए मृत शरीर की पांच बॉडी हैं, जबकि150 छात्र रिसर्च करते हैं. वहीं इस साल छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इसको लेकर रिसर्च के लिए बॉडी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. बता दें मेडिकल की पढ़ाई में सबसे ज्यादा जरूरत प्रैक्टिकल की होती है. जिसके लिए मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए मृत शरीर की जरूरत पड़ती है.

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