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Gwalior Court: पुरानी रंजिश में हत्या के मामले में शख्स को आजीवन कारावास, तीन लोग बरी - ठोस सबूतों के आधार पर मिली सजा

ग्वालियर जिले में पुरानी रंजिश के चलते युवक की कुल्हाड़ी मारकर हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को न्यायालय ने उम्रकैद की सजा से दंडित किया है. उस पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

life imprisonment murder case
हत्या के मामले में शख्स को आजीवन कारावास

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Published : Mar 18, 2023, 7:29 PM IST

ग्वालियर/जबलपुर। जिले के हस्तिनापुर थाना क्षेत्र में हत्या की ये वारदात 14 अगस्त 2016 को हुई थी. इस मामले में चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. तीन लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया. मामले के अनुसार कल्ली उर्फ रामवीर गुर्जर जंगल में भैंस चराने गया था. उसका भाई रणवीर सिंह अपने भाई रामवीर को खाना देने के लिए जब जंगल में गया तो उसने देखा कि जितेंद्र, वीरेंद्र, काशीराम और गंधर्व सिंह उसके भाई पर कुल्हाड़ियों से हमला कर रहे थे. दो लोग उसे पकड़े हुए थे, जबकि दो लोग उसे कुल्हाड़ी से मार रहे थे.

ठोस सबूतों के आधार पर मिली सजा :इस हमले में रामवीर सिंह गुर्जर लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गया. उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. अपर सत्र न्यायाधीश सुशील जोशी के न्यायालय द्वारा वीरेंद्र सिंह मिर्धा को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास से दंडित किया है. इस मामले में फरियादी रणवीर सिंह गुर्जर ने पुलिस में रिपोर्ट की थी. इसके बाद पुलिस ने आरोपी से कुल्हाड़ी बरामद की थी. जिस पर मृतक के खून के धब्बे पाए गए थे. इसके अलावा चश्मदीद के बयान ने ठोस साक्ष्य का काम किया. कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की जानकारी शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने दी.

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तलाक के मामले में सुनवाई जारी :जबलपुर हाईकोर्ट में तलाक की डिग्री के खिलाफ महिला ने अपील दायर की. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस सुजय पॉल तथा जस्टिस अमरनाथ केसरवानी ने अनावेदक पति को जवाब पेश करने अंतिम मोहलत प्रदान की है. युगलपीठ ने इस दौरान अनावेदक द्वारा शादी नहीं करने की अंडरटेकिंग को बरकरार रखा है. युगलपीठ के निर्देश के बावजूद अनावेदक अभिषेक खम्परिया की तरफ से जवाब पेश नहीं किया गया. अनावेदक की तरफ से जवाब पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए युगलपीठ ने अंतिम अवसर प्रदान किया. युगलपीठ ने अगामी सुनवाई नहीं करने की अंटरटेकिंग को यथावत रखा है.

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