ग्वालियर/जबलपुर। जिले के हस्तिनापुर थाना क्षेत्र में हत्या की ये वारदात 14 अगस्त 2016 को हुई थी. इस मामले में चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. तीन लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया. मामले के अनुसार कल्ली उर्फ रामवीर गुर्जर जंगल में भैंस चराने गया था. उसका भाई रणवीर सिंह अपने भाई रामवीर को खाना देने के लिए जब जंगल में गया तो उसने देखा कि जितेंद्र, वीरेंद्र, काशीराम और गंधर्व सिंह उसके भाई पर कुल्हाड़ियों से हमला कर रहे थे. दो लोग उसे पकड़े हुए थे, जबकि दो लोग उसे कुल्हाड़ी से मार रहे थे.
ठोस सबूतों के आधार पर मिली सजा :इस हमले में रामवीर सिंह गुर्जर लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गया. उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. अपर सत्र न्यायाधीश सुशील जोशी के न्यायालय द्वारा वीरेंद्र सिंह मिर्धा को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास से दंडित किया है. इस मामले में फरियादी रणवीर सिंह गुर्जर ने पुलिस में रिपोर्ट की थी. इसके बाद पुलिस ने आरोपी से कुल्हाड़ी बरामद की थी. जिस पर मृतक के खून के धब्बे पाए गए थे. इसके अलावा चश्मदीद के बयान ने ठोस साक्ष्य का काम किया. कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की जानकारी शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने दी.