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चोरी या घोटाला! कोरोना की दूसरी लहर के बाद JAH से गायब हुए ऑक्सीजन सिलेंडर, 1 साल बाद सामने नहीं आया सच

कोरोना की दूसरी लहर के बाद जयारोग्य अस्पताल में चोरी हुए ऑक्सीजन सिलेंडरों का पता एक साल बाद भी नहीं लग सका है. जबकि मामले में एफआईआर और जांच कमेटी दोनों ही की गई है. वहीं मामले में अस्पताल प्रबंधन का गोल मोल जवाब सामने आ रहा है. जिसके चलते ये मामला अब चोरी नहीं बल्कि घोटाला नजर आ रहा है.

cylinder stolen from gwalior jayarogya hospital
चोरी या घोटाला

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Published : Feb 1, 2023, 4:21 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. ग्वालियर चंबल संभाग के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 341 ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी हो गए थे. सबसे हैरानी की बात यह है कि अस्पताल में सब जगह सीसीटीवी कैमरे होने के बावजूद भी अस्पताल प्रबंधक को इस चोरी की घटना की भनक तक नहीं लगी. इस मामले को एक साल से अधिक का समय बीत रहा है, लेकिन FIR होने के बाद भी इस मामले में अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ है. अब इस मामले में पुलिस और अस्पताल प्रबंधन जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है, अब सवाल यही है कि आखिर लोगों की सांसों पर किसने डाका डाला है.

कोरोना की दूसरी लहर के बाद चोरी हुआ ऑक्सीजन सिलेंडर: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब लोग सांसों के लिए दर-दर भटक रहे थे, ऑक्सीजन सिलेंडर लोगों की सांसों का काम कर रहा था, लेकिन जब कोरोना की दूसरी लहर का असर कम हुआ तो जयारोग्य अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर अचानक चोरी हो गये. अस्पताल में एक नहीं, दो नहीं बल्कि 341 ऑक्सीजन सिलेंडर कोरोना की दूसरी लहर में चोरी हुए. जब कई दिनों बाद अस्पताल प्रबंधक को चोरी की भनक लगी तो इस मामले में कंपू थाना पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई.अस्पताल प्रबंधक की तरफ से भी एक जांच कमेटी बनाई और दावा किया कि जल्द ही चोरी हुए सिलेंडर को बरामद किया जाएगा और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बावजूद इसके एक साल बीत जाने के बाद भी पुलिस अस्पताल प्रबंधक जांच के नाम पर सिर्फ इस मामले को फाइलों में दबाने की कोशिश कर रहा है.

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सिलेंडर घोटाले की आशंका: जयारोग्य (JAH) में ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी होना बड़ी बात है, क्योंकि इससे JAH प्रबंधन पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. CCTV कैमरे से लेकर सिक्योरिटी तक सब प्रबंधन के हाथ में हैं. जिस समय ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी होने की बात की जा रही है, उस समय तो JAH में पुलिस छावनी बनी हुई थी. ऐसे में कोई इतनी संख्या में कैसे ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी कर सकता है. इसलिए ऑक्सीजन सिलेंडर गायब होने के पीछे घोटाले की भी आशंका जताई जा रही है. वही जब इस मामले को लेकर जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक जीएस धाकड़ से बातचीत की तो उनका भी अनसुलझा जवाब सामने आया. अस्पताल अधीक्षक जीएस धाकड़ का कहना है कि इस मामले की भी जांच चल रही है, जब जांच आएगी तभी इसके बारे में खुलासा हो पाएगा. हमारी तरफ से जो कार्रवाई होनी थी वह हो चुकी है.

1 साल बीतने के बाद भी सिर्फ जांच की बात: आपको बता दें कि जयारोग्य अस्पताल में चार सप्लायर थे, स्क्रब सेवा कम्प्रेस्ड एयर प्रोडक्ट, अन्नपूर्णना, शिवम व आरआर इंटरप्राइजेज ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई का काम करते हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर इनके ही बीच रहते थे. लाना ले जाना इनके हाथ में रहता था. वैसे एक ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत 12 हजार रुपए थी. कोविड के समय में यह काफी महंगे भी मिले थे. जब इतनी बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी हुए तो हड़कंप मच गया और उसके बाद चोरी का मामला कंपू थाने में दर्ज कराया. अब इस मामले को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोती उर रहमान का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है. अभी तक पुलिस और अस्पताल प्रबंधक कुछ भी नतीजे पर नहीं पहुंचा है.

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संदेह के घेरे में अस्पताल प्रबंधन: अब इस मामले को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है कि ग्वालियर चंबल अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल जहां सब जगह सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से नजर रखी जाती है. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी होना कहीं ना कहीं अस्पताल प्रबंधक को संदेह के घेरे में खड़ा करता है. यही कारण है कि अस्पताल प्रबंधक की तरफ से लगातार गोल मटोल जवाब सामने आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि इस मामले को फाइलों में दबाने की कोशिश की जा रही है.

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