ग्वालियर(gwalior)।हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने उपनगर मुरार थाना क्षेत्र में रहने वाली एक दलित नाबालिग रेप पीड़िता के साथ मारपीट करने के मामले में पुलिस अफसरों के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है.साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक और विभागीय कार्रवाई पर भी स्टे लगा दिया है.सुनवाई पूरी होने तक अफसरो का ट्रांसफर ग्वालियर से बाहर कर दिाया है.
दलित नाबालिग रेप पीड़िता के साथ मारपीट का है आरोप
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुमन गुर्जर, सीएसपी रामनरेश पचौरी, थाना प्रभारी अजय सिंह पवार, सिरोल थाना प्रभारी प्रीति भार्गव और सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय को ग्वालियर चंबल संभाग से बाहर पोस्टेड करने संबंधी आदेश में बदलाव किया है .डिविजन बेंच ने कहा है कि जब तक इस मामले की अपील पर पूरी तरह से सुनवाई नहीं हो जाती. तब तक इन अफसरों को सिर्फ ग्वालियर जिले से बाहर रखा जाए. यानी अफसरों को दूसरे जिले में भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने करीब 12 दिन पहले इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.
लड़की ने मारपीट के बाद शिकायत कराई थी दर्ज
मुरार के थाना इंचार्ज अजय पवार और सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय जिन पर कथित रूप से नाबालिग लड़की के साथ मारपीट करने और उसके माता-पिता से अभद्रता करने का आरोप था उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए थे.जनवरी महीने में उपनगर मुरार में रहने वाली एक दलित नाबालिग लड़की के साथ आरोपी और उसके एक साथी ने दुष्कर्म किया था.मामले की शिकायत करने जब लड़की थाने पहुंची तो थाना प्रभारी ने इस लड़की और उसके परिजनों के साथ मारपीट की. इस मामले में लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान भी दर्ज कराए थे और शरीर पर चोटों के निशान भी जज को दिखाए थे.
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सुनवाई होने तक ग्वालियर से बाहर किया गया ताबदला
न्यायमूर्ति जीएस आहलूवालिया ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे और संबंधित पुलिस अफसरों जिन पर इस मामले को दबाने का आरोप था. उन्हें ग्वालियर चंबल संभाग से बाहर भेजने के निर्देश दिए थे.इसके अलावा थाना प्रभारी अजय पवार और इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय के खिलाफ एफआईआर के भी आदेश दिए गए थे. इसके खिलाफ पुलिस अफसरों और सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील दायर की थी जिस पर सोमवार को ही सुनवाई हुई थी. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में पुलिस अफसरों को फौरी तौर पर बड़ी राहत दे दी है.