ग्वालियर।हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने ईपीएफ पेंशन पाने से वंचित रहे मजदूरों को बडी़ राहत प्रदान की है, बंद हो चुकी जियाजी राव काटन मिल्स लिमिटेड के 1032 श्रमिकों को पेंशन ईपीएफ को देने के आदेश दिए हैं. भविष्य निधि संगठन द्वारा एकल पीठ के आदेश को डिविजन बेंच में चुनौती दी गई थी, लेकिन डिवीजन बेंच ने एकल पीठ के आदेश को यथावत रखते हुए पेंशन पाने से वंचित रहे 1032 उन श्रमिकों को पेंशन का लाभ देने की अनुमति दी है, जिनकी लेनदारी जियाजी राव काटन मिल्स लिमिटेड के ऊपर बाकी थी.
डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को यथावत रखा:गौरतलब है कि 1992 में बंद हो चुकी ग्वालियर की प्रतिष्ठित जियाजी राव काटन मिल्स लिमिटेड में 8037 से ज्यादा मजदूर काम करते थे, इसे मिल ने भी स्वीकार किया था. जियाजीराव कॉटन मिल्स लिमिटेड की संपत्ति के बारे में एक कंपनी पिटीशन सन 1997 से पेंडिंग है, जिसमें 8037 मजदूरों को कंपनी ने देनदारी के चलते ईपीएफ का पात्र माना था. इनमें से 6036 को 4 मई 1998 से पेंशन का भुगतान किया गया, लेकिन 1032 मजदूरों को में ईपीएफ पेंशन नहीं दी गई. यह पेंशन उन्हें अब तक नहीं दी जा रही थी, जेसी मिल पीड़ित बहुउद्देशीय श्रमिक संघ द्वारा दायर पिटिशन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि 1032 श्रमिकों को पेंशन का भुगतान 6 माह के भीतर किया जाए. इस आदेश के खिलाफ ईपीएफ द्वारा एक अपील डिविजन बेंच में की गई, लेकिन डिवीजन बेंच ने भी सिंगल बेंच के आदेश को यथावत रखा है.