ग्वालियर। मध्य प्रदेश की ग्वालियर हाई कोर्ट बेंच ने जीवाजी विश्वविद्यालय के दो पूर्व कार्य परिषद सदस्यों द्वारा तथ्यों को छिपाकर दायर की गई याचिका खारिज करते हुए दोनों सदस्यों पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में कार्य परिषद सदस्य को उनके व्यवहार के लिए कड़ी फटकार भी लगाई.
टेबुलेशन चार्ट में छेड़छाड़:जीवाजी विश्वविद्यालय के दो पूर्व कार्यपरिषद सदस्य केपी सिंह और अनूप अग्रवाल हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए सत्र 2019 की बीएससी नर्सिंग परीक्षा के परिणाम में हुए फर्जीवाड़े के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी. याचिका में बताया गया कि जीवाजी विश्वविद्यालय ने सत्र 2019 में परीक्षा (बीएससी नर्सिंग) कराई थी. इस परीक्षा में अधिकतर छात्र फेल हो गए थे और परिणाम घोषित होने के बाद किसी भी छात्र ने पुनर्मूल्यांकन का आवेदन भी नहीं दिया था. फिर भी जीवाजी विश्वविद्यालय ने टेबुलेशन चार्ट में छेड़छाड़ कर परीक्षा में फेल छात्रों को भी पास कर दिया गया.
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