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नर्सिंग कॉलेजों की मनमानी पर हाई कोर्ट का फैसला, पीड़ित छात्र क्षतिपूर्ति और फीस वापसी के हकदार - gwalior high court

गुरुवार को हाइकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नर्सिंग कॉलेजों की मनमानी और फर्जीवाड़े पर फैसला सुनाते हुए छात्रों को राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि छात्र अपनी फीस और क्षतिपूर्ति के लिए हकदार हैं.

High court's decision on the arbitrariness of nursing colleges
नर्सिंग कॉलेजों की मनमानी पर हाई कोर्ट का फैसला

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Published : May 28, 2020, 7:46 PM IST

Updated : May 28, 2020, 10:30 PM IST

ग्वालियर। निजी नर्सिंग कॉलेजों की मनमानी और फर्जीवाड़े के शिकार छात्रों को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. हाइकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की डिवीजन बेंच ने कहा है कि बिना नर्सिंग काउंसलिंग ऑफ इंडिया की मान्यता के छात्रों को अपने कॉलेज में प्रवेश देने और उन्हें परीक्षा से वंचित रखने वाले कॉलेजों पर कार्रवाई की जा सकती है. छात्र अपनी फीस और क्षतिपूर्ति के लिए हकदार हैं.

नर्सिंग कॉलेजों की मनमानी पर हाई कोर्ट का फैसला

दरअसल, करीब आधा दर्जन से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि कॉलेजों ने अपने नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता प्राप्त बताकर उन्हें एडमिशन दिया था, लेकिन नर्सिंग काउंसलिंग ऑफ इंडिया से एफीलिएशन नहीं मिलने के कारण उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया. ऐसे में उनका साल खराब हो गया. ग्वालियर के शिवपुरी लिंक रोड स्थित अभिषेक नर्सिंग कॉलेज में एक छात्रा शालिनी भदौरिया ने जीएनएम कोर्स के लिए अभिषेक नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन लिया था, लेकिन नर्सिंग कॉलेज मान्यता प्राप्त नहीं था.

शालिनी ने 2018-19 में एडमिशन लिया था. कॉलेज का दावा था कि वह बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, जीएनएम आदि कोर्स के लिए नर्सिंग काउंसलिंग से अधिमान्य है, जबकि ऐसा नहीं था. कोर्ट ने शालिनी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि छात्रा को अपनी फीस वापसी के साथ ही उक्त कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई करने की स्वतंत्रता दी है. इससे पहले हाईकोर्ट बिना मान्यता छात्रों को प्रवेश देने के मामले में करीब डेढ़ दर्जन कॉलेजों पर एक-एक लाख का हर्जाना आधिरोपित किया था.

Last Updated : May 28, 2020, 10:30 PM IST

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