ग्वालियर। हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में 9 जिलों के कलेक्टरों को अपनी रिपोर्ट भी पेश करनी होगी. हाईकोर्ट ने कहा कि देश के अधिकांश शहरों में भिंड और मुरैना से ही मावा सप्लाई होता है और यहां बड़ी मात्रा में मावा बनाया जाता है. कोर्ट के निर्देशों के बावजूद अभी तक इन कारोबारियों के गोरखधंधे पर नकेल नहीं कसी जा सकी है. बता दें कि आए दिन मिलावटी मावा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा पकड़ा जा रहा है.
त्यौहारों के मौसम में मिलावटी मावा :जस्टिस रोहित आर्य ने मिलावटी मावा के फलते-फूलते कारोबार पर कलेक्टरों से नाराजगी का इजहार किया है. खास बात यह है कि त्योहार के मौसम में मिलावटी मावे की सप्लाई कहीं ज्यादा बढ़ जाती है. ग्वालियर चंबल अंचल में नकली मावा नकली दूध बनाने का कारोबार लंबे समय से चला आ रहा है. गौरतलब है कि दिवंगत अधिवक्ता उमेश बोहरे ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिस पर यहां लगातार सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता उमेश बोहरे का निधन हो चुका है. अब हाई कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की पैरवी अधिवक्ता पवन द्विवेदी कर रहे हैं.