ग्वालियर।भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ नेता और देश के प्रधानमंत्री रहे भारतरत्न अटल विहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के अपने शहर में ही 25 दिसंबर यानि आज गौरव दिवस मनाने के लिए पार्टी की अंदरूनी अखाड़े बाजी के चलते कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. एक सप्ताह में इस कार्यक्रम की दो बार घोषणा हुई और फिर कैंसिल भी हुआ. भोपाल से लेकर दिल्ली तक इसमें घमासान मचा और अनेक पुराने बीजेपी नेता जब खुलकर मैदान में आ गए. आनन-फानन में इसे पूर्व की तरह आयोजित करने की घोषणा करनी पड़ी. अटल जी के शहर में ही अटल जी के गौरव का कार्यक्रम करने में हुई. इस उठापठक से न केवल बीजेपी और सरकार की थुक्का फजीहत हुई बल्कि पार्टी में चल रहा घमासान एक बार फिर सडकों पर आ गया. इसको लेकर कांग्रेस जमकर तंज कस रही है. उनका कहना है कि इसके पीछे सिंधिया गुट है. क्योंकि वे यहां सिंधिया परिवार के अलावा किसी जन नायक को गौरव कैसे मान सकते हैं.
अटल पार्क का प्रस्ताव:चौथी बार प्रदेश में सरकार बनाए जाने के बाद जब पिछली वर्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्वालियर आये थे तो उन्होंने घोषणा की थी कि अगले वर्ष से ग्वालियर में अटल जी के जन्मदिन 25 दिसम्बर को गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इसके तहत एक सप्ताह पहले से ही विभिन्न आयोजन किये जायेंगे. उन्होंने ग्वालियर में अटल स्मृति पार्क और म्यूजियम बनाने की भी घोषणा की थी. और सिरौल पहाड़ी पर इसके लिए स्थान देखने भी गए थे. हालांकि साल भर में अटल पार्क का प्रस्ताव फाइलों से बाहर नहीं निकल पाया, लेकिन इस वर्ष अटल जी के जन्मदिन को गौरव दिवस मनाने की घोषणा जोर शोर से मनाने का एलान किया गया.
गौरव दिवस की तैयारी: गौरव दिवस मनाने की तैयारी सरकार ने दिसम्बर के शुरू में ही कवायद शुरू कर दी थी. इससे पहले नगर निगम ने राज्य शासन को 14 अप्रैल को 25 दिसम्बर का दिन ग्वालियर गौरव दिवस मनाने का प्रस्ताव भेजा था. जिसे शासन ने स्वीकार कर लिया.
ऐसे शुरू हुआ विवाद: ग्वालियर कलेक्टर ने 16 दिसम्बर को घोषणा की थी कि 18 से 25 दिसम्बर तक ग्वालियर गौरव दिवस के आयोजन होंगे. इसके लिए कार्यक्रम भी घोषित कर दिए गए कि गौरव दिवस का मुख्य आयोजन महाराज बाड़े पर 25 दिसम्बर यानि आज होगा. जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपस्थित रहेंगे, लेकिन अचानक प्रशासन ने 21 दिसम्बर की रात एक आदेश जारी कर सबको चौंका दिया कि गौरव दिवस का कार्यक्रम ठंड के चलते रद्द कर दिया गया है. कवि सम्मेलन जीवाजी विवि के सभागार में होगा, लेकिन प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट के एक बयान से साफ हो गया कि यह आयोजन बीजेपी की अंदरूनी कलह की भेंट चढ़ा है. सिंधिया समर्थक सिलावट बोले अटल जी का जन्मदिन तो मानेगा लेकिन गौरव दिवस कब होगा इसकी घोषणा बाद में की जाएगी.
बीजेपी में शुरू हुआ घमासान: अटल गौरव दिवस मनाने के आयोजन के रद्द होते ही बीजेपी में घमासान मचा गया. माना जाता है कि इस मामले को लेकर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने दिल्ली और भोपाल में सत्ता और संगठन के शीर्ष नेताओं तक अपनी नाराजगी और कार्यकर्ताओं का आक्रोश तल्ख शब्दों में पहुंचाया. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ,शेजवलकर और जयभान सिंह पवैया अपनी अपनी भूमिका में आ गए. बाकी लोग पर्दे के पीछे रहे लेकिन मीडिया में खुलकर मोर्चा संभाला पूर्व मंत्री जयभान सिह पवैया ने उन्होने सत्ता और संगठन को खूब खरी खोटी सुनाई. उन्होंने ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों पर निशाना साधा.
पवैया ने लिखा-ग्वालियर गौरव दिवस अब भारत रत्न श्री अटल विहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस पर नहीं होगा. यह समाचार मन को व्यथित करने वाला है. मेरा आग्रह है कि अखिल विश्व मे ग्वालियर की यश पताका के वाहक अटल जी की जन्मजयंती को ही गौरव दिवस मनाया जाए. तभी हमारा गौरव होगा. शेजवलकर ने मीडिया से कहा कि मैं अवाक हूं कि ग्वालियर में अटल जी के जन्मदिन पर गौरव दिवस नही होगा. ये दुःखद भी है और चिंताजनक भी. घमासान के बाद फिर बदला कार्यक्रम दिल्ली और भोपाल में मचे इन सियासी घमासान से सत्ता और संगठन हिल गया और आनन-फानन में फिर सब उलट पुलट हो गया.
अचानक हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस:23 दिसम्बर की शाम कलेक्टर ने अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और बताया कि गौरव दिवस 25 दिसम्बर को महाराज बाड़े पर ही होगा और सभी आयोजन पूर्ववत होंगे. इस पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी जहां अंदरूनी खदबदाहट में फंसी थी. वही कांग्रेस ने इस पर तंज कसा.