ग्वालियर। पूरे प्रदेश के साथ-साथ ग्वालियर चंबल अंचल में सप्ताह भर पहले बारिश और ओलावृष्टि द्वारा मचाई तबाही का दर्द आज भी हरा है और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि किसानों के पास अभी भी कोई प्रशासन की तरफ से अधिकारी उन्हें मरहम लगाने तक नहीं पहुंचा है. जिस तरीके से ओलावृष्टि के बाद खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह दावा किया था कि महज एक सप्ताह के अंदर सर्वे कर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. हालात जस के तस बने हुए हैं.
ठंडे बस्ते में सीएम का निर्देश: ग्वालियर चंबल अंचल में दो सप्ताह पहले जमकर बारिश के साथ मूसलाधार ओलावृष्टि से किसानों के खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. अंचल में ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर ऐसे जिले जहां पर किसानों की फसल में 70 से 90 फ़ीसदी तक नुकसान हुआ था. अंचल में लगातार दो दिनों तक ओलावृष्टि हुई इस कारण किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं सरसों और चना की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. हालात यह हो गए सड़कों और खेतों में होली की सफेद चादर की दिखाई देने लगी. इस बर्बादी के बाद खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह निर्देश दिए कि तत्काल इस नुकसान का सर्वे कराए जाएं और किसानों को मुआवजा दिया जाए लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया सीएम का निर्देश ठंडे बस्ते में चला गया.
शुरू नहीं हुआ सर्वे: ग्वालियर चंबल अंचल में दर्जनभर गांव ऐसे हैं जहां पर अभी तक सर्वे का काम शुरू नहीं हुआ है. जब इस मामले को लेकर गांव के किसानों का कहना है कि अभी तक न तो प्रशासन की तरफ से कोई अधिकारी गांव में आया है और न हीं सर्वे का काम शुरू हुआ है. इसको लेकर वह कई बार अधिकारियों से बात कर चुके हैं. ऐसे में किसानों का दर्द अभी तक काम नहीं हुआ लेकिन उससे पहले ही आज बीती रात अंचल में तेज आंधी के साथ बारिश हुई मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि 24 घंटे तक अंचल में कभी भी बारिश हो सकती है. इस कारण अब किसान परेशान और डरा हुआ नजर आ रहा है.