ग्वालियर।ग्वालियर चंबल अंचल का किसान हताश और निराश है. जिसका कारण है जहां 4 महीने पहले अंचल में आई बाढ़ में उनकी फसल बुरी तरह बर्बाद हो गयी थी. वहीं अंचल में किसानों पर चंद दिनों पहले हुई बारिश आफत बनकर आई, जिससे उनकी धान और सरसों की खड़ी फसल 70 से 80 फीसदी खराब हो गई है. ग्वालियर, भिंड, मुरैना सहित अंचल के करीब 1.40 लाख हेक्टेयर में फैली सरसों की फसल खराब हुई है, तो वहीं 2 हेक्टेयर धान की फसल को नुकसान हुआ है. हालांकि राज्य सरकार ने सर्वे की बात कही है, लेकिन अब किसानों को सरकार के आश्वासन पर कोई भरोसा नहीं है. तो वही किसानों के मुआवजे को लेकर कांग्रेस भी जमकर राजनीति कर रही है.
बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद
अंचल में बाढ़ के बाद कुछ दिनों पहले हुई बेमौसम बारिश ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. ग्वालियर चंबल अंचल में हाल में हुई बारिश से खेतों में खड़ी धान और कटी हुई बाजरे की फसल को भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा सरसों की फसल का भी नुकसान हुआ है, क्योंकि सरसों की वर्तमान में बुवाई चल रही है. बारिश की वजह से किसानों का बीज खराब हो गया है. वहीं डबरा, भितरवार, दतिया सहित पूरे अंचल में करीब 2 लाख हेक्टेयर खेतों में धान की फसल तैयार खड़ी है. लेकिन बारिश से फसल पूरी तरह खेतों में सड़ गई है. किसानों का कहना है कि पहले अंचल में आई बाढ़ ने हमें पूरी तरह बर्बाद कर दिया था, उसके जख्म अभी तक भरे भी नहीं कि इस बारिश ने हमारी पूरी तरह से कमर तोड़ दी है.