ग्वालियर।जिला न्यायालय (gwalior district court) ने धोखाधड़ी और अवैध वसूली के एक मामले में आरोपी को सात साल की सजा से दंडित किया है. इसके अलावा उस पर 18 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. खास बात यह है कि आरोपी सर्वदमन भदौरिया ने एक बेरोजगार युवक (Fraud with unemployed youth) से 1250 रुपए ठगे थे. इसकी शिकायत 6 साल पहले गोला का मंदिर थाने में की गई थी. पुलिस ने सर्वदमन भदौरिया के खिलाफ कूट रचित दस्तावेज तैयार करने, धोखाधड़ी और अवैध वसूली (Extortion in gwalior) का मामला दर्ज किया था. इसमें हैरानी की बात यह भी है कि सर्वदमन के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाला फरियादी दीपक नामदेव बाद में अपने बयानों से मुकर गया था और वो होस्टाइल हो गया, लेकिन कोर्ट ने एफआईआर और आवेदन में उसके हस्ताक्षर को सही मानते हुए आरोपी को यह सजा सुनाई है.
22 जून 2015 को आरोपी के खिलाफ हुई थी शिकायत
अतिरिक्त लोक अभियोजक मृत्युंजय गोस्वामी के मुताबिक, दीपक नामदेव ने 22 जून 2015 को गोला का मंदिर थाने में शिकायत की थी. उसने पुलिस को बताया कि उसके पास सर्वदमन भदौरिया निवासी ग्राम कुआरी जिला आगरा से फोन आया और कहा गया कि उसे स्मार्ट लाइफ इंटरप्राइजेज (Smart life enterprises) में नौकरी दिला देंगे. इस सवाल पर नामदेव ने कहा कि आपको नंबर कहां से मिला है. मैंने तो आवेदन भी नहीं भरा है, कैसे नौकरी मिल जाएगी. आरोपी ने कहा कि मुझसे आकर मिलो और यहीं फॉर्म भी भर जाएगा.